राज्यसभा सचिवालय ने 16 अगस्त को बताया कि आने वाले मॉनसून सत्र के लिए संसद के दोनों सदनों में तैयारियां चल रही हैं. दोनों सदनों के चैम्बर्स और गैलरियों का इस्तेमाल किया जाएगा, डिस्प्ले स्क्रीन्स लगाई जाएंगी और वायरसों को मारने के लिए UV इररेडिएशन सिस्टम लगाया जाएगा.
कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद संसद का पहला सत्र मॉनसून सत्र हो होगा. मार्च के आखिर में लॉकडाउन की वजह से बजट सत्र भी स्थगित कर दिया गया था.
अगस्त के तीसरे हफ्ते तक मानसून सत्र के लिए तैयारियों पर काम चल रहा है. सदन के चैंबर में चार बड़ी डिस्प्ले स्क्रीन, सदन की चार गैलरियों में छह अतिरिक्त छोटी स्क्रीन, गैलरियों में ऑडियो कॉन्सोल, अल्ट्रा-वायलेट जर्मीसाइडल इररेडिएशन, दोनों सदनों के बीच ऑडियो-विजुअल सिग्नल के ट्रांसमिशन के लिए स्पेशल केबल से कनेक्शन, सदन के चैंबर से ऑफिशियल गैलरी को अलग करने के लिए पॉलीकार्बोनेट शीट जैसी तैयारियां होंगी. “न्यूज एजेंसी ANI ने राज्यसभा सचिवालय के हवाले से बताया
दोनों सदन 4 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे
सचिवालय ने कहा कि ये अरेंजमेंट कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए 'सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए अपने तरह के पहले सत्र' को सुनिश्चित करेंगे.
सचिवालय ने बताया कि मॉनसून सत्र के लिए दोनों सदनों के चैंबर्स और गैलरियों के इस्तेमाल का फैसला राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के बीच 17 जुलाई को हुई बैठक में लिया गया.
NDTV ने सूत्रों के मुताबिक बताया है कि सत्र के दौरान दोनों सदन एक दिन में चार घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे और लोकसभा पहले बुलाई जाएगी.
रिपोर्ट में कहा गया कि नियम के मुताबिक दो सत्र के बीच छह महीनों से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता है और इसलिए मॉनसून सत्र 23 सितंबर से शुरू हो सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)