संसद सुरक्षा उल्लंघन (Parliament Security Breach) मामले के छह आरोपियों में से पांच ने शुक्रवार, 5 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अपनी सहमति दे दी.
दिल्ली पुलिस ने एक आवेदन दायर कर मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी.
पांच आरोपियों ने दी पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति
नीलम देवी आजाद को छोड़कर, अन्य पांच आरोपियों ने पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अपनी सहमति दी. पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने पर कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें अदालत में पेश किए जाने के बाद न्यायाधीश ने उनकी पुलिस हिरासत भी आठ दिनों के लिए बढ़ा दी.
पुलिस ने आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए एक आवेदन दायर किया था. जिसमें कहा गया था कि जांचकर्ताओं को मामले को मजबूत बनाने, पूरी साजिश का पता लगाने, अधिक सबूत इकट्ठा करने के लिए और अधिक डिटेल प्राप्त करने की जरूरत है.
पुलिस ने नार्को टेस्ट की भी इजाजत मांगी है
पुलिस ने मनोरंजन और सागर की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने की भी इजाजत मांगी है. दोनों ने 13 दिसंबर को 2001 के संसद हमले की 22वीं बरसी पर, दर्शक दीर्घा से कूदने के बाद लोकसभा कक्ष के अंदर पीला धुआं फैला दिया था. हालांकि, सदन में मौजूद सांसदों ने उन पर काबू पा लिया था.
दो अन्य नीलम आजाद और शिंदे ने भी संसद के बाहर धुआं छोड़ा और नारे लगाए. झा को पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाता है, जो कथित तौर पर चार अन्य लोगों के मोबाइल फोन लेकर फरार हो गया था.
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