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संसद सुरक्षा में चूक पर दोनों सदन में हंगामा, 9 कांग्रेसी समेत 14 विपक्षी सांसद सस्पेंड

Parliament Security Breach: राज्यसभा में TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी सस्पेंड किया गया.

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भारत
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Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष का विरोध जारी है. सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में 15 विपक्षी सांसदों को बाकि के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि जब विपक्ष ने यह सवाल उठाया कि उनमें एक सांसद आज सदन में आए ही नहीं थे तो उनका सस्पेंशन वापस ले लिया गया.

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संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हंगामे के बीच पहले कांग्रेस के पांच सांसदों को सस्पेंड करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे चेयर ने स्वीकार कर लिया. ये 5 सांसद टीएन प्रतापन, हिबी ईडन, जोथिमनी, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस कुरियाकस हैं.

इसके बाद और 9 विपक्षी सांसदों (जिसमें 4 कांग्रेस के) को सस्पेंड किया गया. ये हैं बेनी बेहानन, वीके श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोझी करुणानिधि, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर.

हालांकि एसआर पार्थिबन को 'गलती' से सस्पेंड किए जाने की वजह से सस्पेंशन रद्द कर दिया गया.

Parliament Security Breach: राज्यसभा में TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी सस्पेंड किया गया.
इनके अलावा राज्यसभा में TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी सस्पेंड किया गया.

संसद में विपक्ष का विरोध जारी

विपक्षी नेताओं ने बुधवार, 14 दिसंबर को संसद में हुए बड़े सुरक्षा उल्लंघन के खिलाफ नारे लगाए. संसद में दो युवक स्मोक स्प्रे के साथ लोकसभा में घुस गए आये थे. आज दोनों सदनों में विपक्ष के नेता 'पीएम सदन में आओ, अमित शाह शर्म करो' के नारे लगाते हुए देखे गए.

इसके अलावा राज्यसभा ने हंगामे के बीच कथित कदाचार के लिए टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को शेष सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव अपनाया. राज्यसभा अध्यक्ष धनखड़ ने ओ'ब्रायन के व्यवहार को निंदनीय कदाचार और शर्मनाक घटना बताया, साथ ही कहा कि टीएमसी सांसद ने आसन की अवहेलना की है.

बुधवार को सुरक्षा उल्लंघन को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

राज्यसभा ने निलंबित टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें उनके आचरण को जांच और जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेजा गया और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपी गई.

15 सांसदों को सदन से निलंबित किए जाने पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, "कल जो हुआ वह एक बड़ी सुरक्षा और खुफिया विफलता थी. हम चाहते हैं कि सरकार सदन को आकर बताए कि कल क्या हुआ और वे क्या कदम उठा रहे हैं. सरकार न आने पर अड़ी है, या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को बयान देना चाहिए...सिर्फ इसलिए कि हमने मांग की और विरोध किया, हमारी आवाज को दबाने के लिए, लगभग 15 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है... हम चाहते हैं कि या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री सदन में आएं और कल हुई घटना और भविष्य के लिए वे क्या सुधारात्मक कदम उठाने जा रहे हैं, इस पर स्पष्ट बयान दें."

15 सांसदों को सदन से निलंबित किए जाने पर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, "सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए विपक्ष में भय पैदा करना चाहती है, भय पैदा करने से शासन नहीं होता है. विपक्षी सांसद मांग कर रहे हैं कि कल हुई सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्री बयान दें तो इसमें गलत क्या है? गृह मंत्री को आकर बयान देना चाहिए, वे देश के गृह मंत्री हैं, सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी हैं..."

संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर विपक्ष के हंगामे के बीच शेष शीतकालीन सत्र के लिए कई सांसदों के निलंबन पर सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "अगर उन्हें विपक्ष की जरूरत नहीं है, तो उन्हें सभी को निलंबित कर देना चाहिए, क्योंकि वे नहीं चाहते कि कोई सवाल पूछा जाए. हम कह रहे हैं कि गृह मंत्री को आना चाहिए और स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए; इस देश के लोगों को बताएं कि ''सभी सुरक्षित रहेंगे और उस सज्जन के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिसने इन दोनों को सदन में आने की अनुमति दी थी.''

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