संसद (Parliament) के विशेष सत्र का एक दिन पहले ही समापन कर दिया गया है. गुरुवार को देर रात तक चली कार्यवाही के बाद दोनों सदनों- लोकसभा एवं राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.
पांच दिन का सत्र चार दिन में खत्म
दरअसल, सरकार द्वारा बुलाया गया संसद का यह पांच दिवसीय विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलना था, लेकिन दोनों सदनों की कार्यवाही को एक दिन पहले 21 सितंबर को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
महिला आरक्षण बिल पास
इससे पहले, गुरुवार को दिनभर चली चर्चा के बाद उच्च सदन राज्यसभा ने महिला आरक्षण से जुड़े नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पारित कर दिया. लोकसभा और देश की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले इस नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को लोकसभा ने बुधवार को ही पारित कर दिया था.
संसद का यह विशेष सत्र नए संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के साथ-साथ बहुप्रतीक्षित और ऐतिहासिक महिला आरक्षण से जुड़े बिल के पारित होने को लेकर भी याद रखा जाएगा.
चार दिन में क्या-क्या हुआ?
18 सितंबर 2023: संसद का विशेष सत्र पुराने भवन में शुरू हुआ. इस दिन संसद के 75 साल के कार्यकाल के बारे में PM नरेंद्र मोदी ने जिक्र किया.
19 सितंबर 2023: पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सभी सांसद इकट्ठा हुए, जिसमें एक साथ फोटो सेंशन हुआ. यहां खास बात यह रही की इस दौरान पीएम मोदी द्वारा सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का अभिवादन स्वीकार करने की तस्वीर खूब वायरल हुई.
19 सितंबर 2023: गणेश चतुर्थी के दिन ही पुराने संसद भवन से कामकाज को नई संसद भवन में शिफ्ट किया और दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हुई. कुल मिलाकर विशेष सत्र के दो दिन संसद के स्थानांतरण में लग गए.
20 सितंबर 2023: केंद्र सरकार ने बुहप्रतिक्षित महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया, जो 454 वोटों के साथ पास हो गया. बिल के विपक्ष में सिर्फ दो वोट पड़े जो AIMIM सांसदों के थे.
21 सितंबर 2023: केंद्र ने महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश किया. जहां देर रात तक संसद चली और सर्वसम्मति से 214 वोटों के साथ बिल पारित हो गया. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मुहर के बाद कानून बन जाएगा.
कौन से चार बिल पेश नहीं हुए?
हालांकि, इस विशेष सत्र में वो बिल नहीं पेश हो सके, जिसका जिक्र संसद शुरू होने के पहले किया गया था. जैसे-
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित बिल
अधिवक्ता संशोधन बिल
पोस्ट ऑफिस बिल
प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल
दरअसल, सरकार ने विशेष सत्र के एजेंडे में बताया था कि इन चार बिलों को पेश किया जाएगा. लेकिन इन चारों में से एक भी बिल पर संसद के दोनों ही सदनों में कोई चर्चा नहीं हुई.
(इनपुट-IANS/इंडिया टुडे)
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