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कांग्रेस ने कहा पीएम मोदी माफी मांगें तो राज्यसभा में हुआ हंगामा

शीतकालीन सत्र में विपक्ष पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी के बयान को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.

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जैसे आसार थे ठीक वैसा ही हुआ और जो हुआ लगता है इस सत्र के दौरान कई बार होगा. संसद सत्र शुरू होते ही गुजरात के विधानसभा चुनाव के दौरान की तल्खी कांग्रेस और बीजेपी में साफ दिख रही थी.

लोकसभा तो स्थगित हो गई पर सबकी नजरें तो राज्यसभा पर ही थीं. वजह दो थीं. पहली सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की नई पारी और राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की एंट्री.

विपक्ष को वैसे ही सरकार से इस बात की शिकायत थी कि संसद का शीतकालीन सत्र देरी से क्यों शुरू किया गया. उस पर गुजरात चुनाव के दौरान आरोप-प्रत्यारोप ने और गुस्सा बढ़ा दिया. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से मांग की वो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए आरोप के लिए माफी मांगें.

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विपक्ष का हंगामा- पीएम मोदी देश से माफी मांगे

जाहिर है बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं थी. पहले गुलाम नबी आजाद ने जोर शोर से मुद्दा सामने रखा. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बेबुनियाद आरोप लगाया है और इसके लिए वो माफी मांगें. लेकिन सरकार ने जब इससे इनकार किया तो कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोबीच आ गए.

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में चुनावी रैली के दौरान मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस उन्‍हें हराने के लिए पाकिस्तान के साथ साठ-गांठ कर रही है.  इस डिनर में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के डिनर में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी इसमें शामिल थे.

पीएम मोदी के इस बयान पर माफी की मांग करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये साधारण आरोप नहीं है. इसलिए पाकिस्‍तान के साथ षड़यंत्र रचने आरोप का पीएम मोदी या तो सबूत दें या फिर संसद और देश से माफी मांगे.

लेकिन सरकार की तरफ से इस मांग को खारिज कर दिया गया. इसके बाद हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद चलाने के लिए सभी पक्षों से सहयोग की अपील की थी.

आम तौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम शुरू हो जाता है, लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज के चलते ठंड अभी भी ठीक से नहीं आई है. हमारा विंटर सेशन आज से शुरू हो रहा है. इसमें सरकार के कई अहम कामकाज होंगे. अच्छी बहस हो, सकरात्मक बहस हो. इनोवेटिव सुझावों के साथ बहस हो तो संसद के समय का उपयोग देश के लिए कारगर होगा.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

वेंकैया नायडू का पहला दिन

सभापति के तौर पर राज्यसभा में उप राष्ट्रपति वैकेंया नायडू को पहले ही दिन हंगामे का सामना करना पड़ा. दरसल जेडीयू नेता शरद यादव और अली अनवर की सदस्यता रद्द कर दी गई है. जिसे लेकर विपक्ष ने हंगामा किया.

इन मुद्दों पर सरकार को घेरने को तैयार विपक्ष

जीएसटी, राफेल डील, गुजरात चुनाव में चुनाव आयोग की भूमिका जैसे मुद्दे को लेकर संसद का ये सत्र काफी हंगामेदार रहने के आसार है.

साथ ही विपक्ष पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी के बयान, किसान कर्ज माफी और गुजरात चुनाव में सत्ता के कथित इस्तेमाल, सत्र में देरी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.

15 दिसंबर से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र 5 जनवरी तक चलेगा.

अमित शाह का पहला सत्र

शीतकालीन सत्र के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बतौर राज्यसभा सांसद शाह पहली बार आज संसद के किसी सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे हैं.

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गुरुवार को शीतकालीन सत्र से पहले 3 बैठकें हुई. विपक्षी पार्टियों की बैठक, सभी पार्टियों की सर्वदलीय बैठक और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक. वहीं सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के नेताओं ने बैठक कर शीतकालीन सत्र से जुड़े मुद्दे पर रणनीति बनाई गई.

ये होंगे बड़े मुद्दे- 25 विधेयक होंगे पेश

तीन तलाक पर कानून बनाने की तैयारी

संसद के इस सत्र में तीन तलाक पर लगी अदालती रोक को कानूनी जामा पहनाने के लिए भी विधेयक पेश करने का इरादा है.

एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैर-जमानती अपराध बनाने वाला बिल कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा. इस बिल में तीन तलाक देने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस बिल को कल से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.

इस सत्र के दौरान 25 विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है जिसमें से 14 नये विधेयक होंगे.

ये बिल हो सकते हैं पेश

  • वस्तु एवं सेवा कर (मुआवजा) अध्यादेश, 2017 के स्थान पर संशोधन विधेयक लाने का प्रस्ताव है. यह अध्यादेश 2 सितंबर 2017 को जारी किया गया था.
  • ऋण शोधन और दिवाला संहिता (इन्सालवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) संशोधन विधेयक और भारतीय वन संशोधन विधेयक भी सरकार के एजेंडे में हैं.
  • बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के डूबे हुए पैसों के सुचारु निवारण के लिए तैयार विधेयक फाइनेंसियल रिजोल्यूशन एंड डिपोजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल.
  • हाल में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से जुड़ा 123वां संशोधन बिल भी इसी सत्र में पेश होगा.
  • नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016.
  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण विधेयक भी पेश किया जा सकता है.

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