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एड्रेस प्रूफ के लिए पासपोर्ट नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल,ये है वजह...

पासपोर्ट में नहीं होगा पिता का नाम.  सिंगल पैरेंट के बच्चे और गोद लिए गए बच्चे के लिए भी हो रहा है विचार

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अगर आप अपने एड्रेस प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं तो जान लीजिए कि अब आप ऐसा नहीं कर सकेंगे. क्योंकि विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट पर मौजूद आखिरी पन्ना जिसपर आपका एड्रेस लिखा होता है उसे प्रिंट नहीं करने का फैसला किया है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा,

अब पासपोर्ट का आखिरी पेज प्रिंट नहीं किया जाएगा. इस पेज पर पिता या लीगल गार्जियन (अभिभावक), मां और स्पाउज (हसबैंड/वाइफ) के नाम के साथ होल्डर का एड्रेस प्रिंट होता है.

ये फैसला विदेश मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 3 मेंबर्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद लिया गया है.

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कमेटी के सदस्यों में विदेश मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे. इसमें फैसला किया गया कि पासपोर्ट और पासपोर्ट अधिनियम, 1967 और पासपोर्ट नियम, 1980 के तहत जारी किए गए दूसरे यात्रा दस्तावेजों का आखिरी पन्ना ‘‘अब से प्रकाशित नहीं किया जाएगा.''

नारंगी रंग का होगा ईसीआर पासपोर्ट

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा,

ईसीआर (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) स्थिति वाले पासपोर्ट होल्डर को नारंगी रंग के पासपोर्ट जैकेट के साथ पासपोर्ट जारी किया जाएगा और गैर-ईसीआर वाले लोगों को नीले रंग का पासपोर्ट मिलता रहेगा.

नासिक स्थित भारतीय सुरक्षा प्रेस (आईएसपी) नयी पासपोर्ट पुस्तिकाएं तैयार करेगा और फिलहाल जब तक नये दस्तावेज तैयार नहीं हो जाएं, पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर पता छपता रहेगा.

अभी तीन तरह के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं. सरकारी अधिकारियों को सफेद रंग का पासपोर्ट, डिप्लोमैट्स के लिए लाल रंग और बाकी सभी के लिए नीले रंग के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं.

पासपोर्ट में नहीं होगा पिता का नाम.  सिंगल पैरेंट के बच्चे और गोद लिए गए बच्चे के लिए भी हो रहा है विचार
तीन कलर के होते हैं भारतीय पासपोर्ट
फोटो: altered by The Quint

क्या होता है ईसीआर और नॉन ईसीआर पासपोर्ट?

दरअसल पासपोर्ट के इस दो केटेगरी को शिक्षा के आधार से जोड़ कर देखा जाता है. ईसीआर का मतलब होता है ‘इमीग्रेशन चेक रिक्वायर्ड’. इस कैटेगरी के पासपोर्ट उन लोगों के लिए जारी किए जाते हैं जो 10वीं या हाईस्कूल पास नहीं कर पाए हों.

इसका मतलब ये हुआ कि ईसीआर केटेगरी वाले बिना इमीग्रेशन ऑफिस से क्लियरेंस सर्टिफिकेट लिए विदेश नहीं जा सकते हैं. वहीं नॉन ईसीआर केटेगरी में वो लोग आते हैं जो 10वीं पास कर चुके हैं. उन्हें विदेश जाने के लिए किसी भी इमीग्रेशन ऑफिस में जा कर क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होती है.

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