बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ता (ASHA workers) गुरुवार, 3 अगस्त को सड़कों पर उतरीं. गर्दनीबाग इलाके में धरना स्थल पर हजारों की संख्या में आशा कार्यकर्ता पहुंची और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बस के जरिए आशा वर्कर्स पटना पहुंची हैं.
आशा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें
बिहार की आशा कार्यकर्ताओं की 9 सूत्रीय मांगों में से कुछ प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
आशा कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए
इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं ने नियमित करने की भी मांग की है
अश्विन पोर्टल से भुगतान शुरू होने के पूर्व का सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाए
आशाओं को देय पोशाक (सिर्फ साड़ी) के साथ ब्लाउज, पेटिकोट और ऊनी कोट की व्यवस्था भी की जाए.
आशा कार्यकर्ताओं को पेंशन योजना का लाभ दिया जाए
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा अगर सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करेंगे.
एक आशा वर्कर ने कहा कि "हम 24 घंटा काम करते हैं. दिन-रात नहीं देखते. स्वास्थ्य विभाग में जिस तरह अन्य कर्मचारियों को सुविधा दी जाती है, हमें भी दिया जाए. हमारे लिए भी रहने की व्यवस्था होनी चाहिए."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "हम लोगों को एक दिन में सरकार 300 रुपया देती है. 30 दिन हम लोग काम करते हैं. मजदूर को भी एक दिन काम करने पर 500 रुपया मिलता है."
उन्होंने आगे कहा कि, "सरकार को हमारी मांगें माननी पड़ेगी, नहीं तो हम उन्हें गद्दी से उतार देंगे. हमारी जो मांगें पूरा करेगा, हम उसी की सरकार बनाएंगे."
वहीं एक अन्य आशा वर्कर ने कहा कि "हम कुर्बान हो जाएंगे, लेकिन अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे." वहीं दूसरी आशा वर्कर ने कहा कि हम डटे रहेंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे.
(इनपुट: महीप राज)
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