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Patna: ग्रेजुएट चायवाली रोड पर ही क्यों रोने लगी? मामला लालू-तेजस्वी तक पहुंचा

पटना की प्रियंका गुप्ता ग्रेजुएट चायवाली के नाम से मशहूर हैं.

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पटना में नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, जिसके तहत सड़क किनारे लगे दर्जनों वेंडरों का स्टॉल उठा लिया गया. इस दौरान ग्रेजुएट चायवाली नाम से मशहूर प्रियंका गुप्ता के टी स्टॉल पर भी कार्रवाई हुई. निगम के एक्शन के बाद प्रियंका का रोते हुए एक वीडियो सामने आया, जिसमें उसने लालू-तेजस्वी से मदद मांगी.

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पटना में ग्रेजुएट चायवाली के नाम से मशहूर प्रियंका गुप्ता का बोरिंग रोड स्थित चाय स्टॉल पर पटना नगर निगम ने बुलडोजर की कार्रवाई की. नगर निगम प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में गुरुवार को ग्रेजुएट चायवाली के स्टॉल को जब्त कर लिया. निगम प्रशासन के इस कार्रवाई पर ग्रेजुएट चायवाली प्रियंका गुप्ता सड़क पर फूट-फूट कर रोने लगी.

जिसके बाद प्रियंका गुप्ता गुस्से में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के यहां पहुंची और तेजस्वी यादव से गुहार लगाई वहीं तेजस्वी यादव ने आश्वासन दिया कि "आप मेरे नाम से एक आवेदन दे दो मैं उस पर कार्रवाई करूंगा."

ये सब होने के बाद प्रियंका राबड़ी आवास पर जाकर लालू यादव से भी मिली. प्रियंका ने मीडिया रिपोर्ट में ये भी बताया कि नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर ने प्रियंका से वादा किया था की उनके स्टॉल को कोई नहीं हाटएगा. प्रियंका बताती है, उन्होंने अधिकारियों से बोला था कि वो उन्हें कुछ समय दें, जिस से वो नई दुकान ले सके. लेकिन उन्होंने एक न सुनी.

प्रियंका गुप्ता ने यह भी कहा कि उसने अपनी मेहनत से कमाकर यह स्टॉल लगाया था, जिसे नगर निगम का बुलडोजर उठा ले गया. सरकार उसे कोई एक जगह दे, जहां वह अपना स्टॉल लगा सके. अपनी मांग को लेकर प्रियंका गुप्ता ने लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की.

प्रियंका कहती हैं कि लोगो का मानना है कि वो महीने का 3 लाख रूपए कमाती है, लेकिन अभी ऐसा नहीं है. वो इतना नहीं कमाती हैं क्योंकि मार्किट डाउन चल रहा है.

लालू-तेजस्वी से मुलाकात-वापस मिला टी स्टॉल

लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी से मुलाकात के बाद प्रियंका गुप्ता को उनका टी स्टॉल वापस मिल गया. प्रियंका गुप्ता को पटना नगर निगम के कर्मचारियों ने 9:00 बजे रात को उसका टी स्टॉल वापस कर दिया.

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प्रियंका वैसे बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली है और चाय बेचने के पहले वह सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थी. जब जॉब नहीं मिली तो उन्होंने चाय का स्टॉल लगाने का फैसला किया.

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