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Qपटना: राबड़ी,नीतीश निर्विरोध चुने गए, बेटियों को सरकार का तोहफा

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एससी/एसटी हॉस्टल के हर छात्र को मिलेगा 15 किलो अनाज: रामविलास

केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि बिहार के सभी अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रावासों के हर छात्र-छात्रा को हर महीने बीपीएल दर पर 15 किलो अनाज दिये जाएंगे.

पटना के एलजेपी के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रामविलास ने बताया कि 14 अप्रैल को दलित सेना द्धारा आयोजित अंबेडकर जयंती के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने राज्य के छात्रवासों में रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए बीपीएल की दर पर अनाज मुहैया कराए जाने की मांग की थी.

रामविलास ने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में भी इसे लागू किया जाएगा और इससे एक करोड़ों छात्र लाभांवित होंगे.

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नीतीश, राबड़ी समेत सभी 11 उम्मीदवार विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुने गए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत सभी 11 उम्मीदवार बिहार विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुने गए.

उम्मीदवारों के लिए नाम वापसी का गुरुवार को आखिरी दिन था. किसी के नाम वापस नहीं लिए जाने पर सभी 11 प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया.

बिहार विधान परिषद की इन सीटों के लिए चुनाव की तारीख 26 अप्रैल को निर्धारित की गयी थी. निर्वाचित उम्मीदवारों में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, खुर्शीद मोहसिन और संतोष मांझी, जेडीयू के रामेश्वर महतो और खालिद अनवर, बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद मिश्र भी शामिल हैं.

बिहार विधानसभा के सचिव सह निर्वाची पदाधिकारी रामश्रेष्ठ राय ने इन सभी प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा.

बिहार सरकार ने हर साल हर लड़की पर करेगी 60 हजार रुपये खर्च

बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत हर साल हरेक लड़की पर लगभग 60 हजार रूपये खर्च किए जायेंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा कन्या के जन्म पर अभिभावक के बैंक खाते में 2000 रुपये देने का प्रावधान है. साथ ही एक साल पूरा होने और आधार पंजीयन कराने पर अभिभावक के बैंक खाते में 1000 रुपये देने का भी प्रावधान किया गया है.

इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार और ग्रेजुएट पास लड़कियों को 25 हजार रुपये दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि 2 साल की उम्र होने पर बच्ची के संपूर्ण टीकाकरण कराने पर अभिभावक के बैंक खाते में 2000 रुपये स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मिलेंगे. जबकि शिक्षा विभाग की तरफ से क्लास 1-2 के लिये मुख्यमंत्री पोषाक योजना (बालिकाओं के लिए) के अन्तर्गत 400 रुपये की राशि को बढ़ाकर 600 रुपये किया गया है.

पोशाक योजना में हुई बढ़ोतरी

सिंह ने बताया कि उसी प्रकार शिक्षा विभाग की तरफ से क्लास 3-5 के लिए मुख्यमंत्री पोशाक योजना (बालिकाओं के लिए) के अन्तर्गत 500 रुपये की राशि को बढ़ाकर 700 रुपये किया गया है. क्लास 6-8 के लिए 700 की राशि को बढ़ाकर 1000 किया गया है. क्लास 9-12 के लिए 1000 की राशि को बढ़ाकर 1,500 किया गया है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम में (सैनेटरी नैपकीन के लिए) 150 रुपये की राशि को बढ़ाकर 300 किया गया है.

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22 घर जलकर खाक, एक ही परिवार के 3 लोगों की जलकर मौत

बिहार के औरंगाबाद जिले के नारायण खाप गांव में अचानक आग लग जाने से 22 घर जलकर खाक हो गये. साथ ही एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जलकर मौत हो गयी. जबकि एक और शख्स झुलसकर जख्मी हो गया. बारूण प्रखंड विकास पदाधिकारी धनंजय कुमार ने बताया कि आग की चपेट में आने से 4 गायों की भी मौत हो गई है.

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय से आए फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पा लिया. धनंजय ने बताया कि इस हादसे से पीड़ित लोगों को फिलहाल 30-30 किलोग्राम चावल, एक-एक हजार रूपये नकद राशि, उनके भोजन, आवास के लिए पंडाल और रौशनी के लिए जनरेटर की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने बताया कि मृतकों के परिवार को अनुग्रह अनुदान के तौर पर 4-4 लाख रुपये और जिनका घर जल गया है उन्हें 9800 रुपये दिए जाएंगे. धनंजय ने बताया कि आग लगने के कारण का तत्काल पता नहीं चल पाया है.

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कैश की कमी: इलाज के लिए रुपये निकालने गई महिला की बैंक में ही मौत

पूर्णिया में कैश की कमी एक बार फिर नोटबंदी की यादें ताजा कर दी. दरअसल इलाज के लिए रुपये निकालने गई महिला की बैंक में ही मौत हो गई.

इलाज के लिए रुपए निकालने सेंट्रल बैंक गई महिला की वहीं पर मौत हो गई. मृत महिला के बेटे ने बताया कि मां का इलाज कराने पूर्णिया जाना था. दस दिन से रुपये लेने के लिए मां के साथ बैंक आ रहे थे. गुरुवार को भी ऑटो से गए. मां को बैंक के बाहर बैठाकर अंदर गए.

बैंक वाले से सत्रह हजार रुपए देने को कहा. काफी मिन्नतें करने के बाद बैंक का एक आदमी बाहर मां को देखने आया. उसके बाद पांच हजार रुपया देने को राजी हुआ. जब तक वह रुपया देता, मां की हालत बिगड़ गई. आनन-फानन में रेफरल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. हालांकि खजांची सुधांशु शेखर ने बताया कि दस दिन से आने की बात सही नहीं है. आज ही वे लोग आए थे. यहां रुपये उपलब्धता के अनुसार दिए जाते हैं.

महिला की मौत के तुरंत बाद लोग आक्रोशित हो गए. रुपौली-कुरसेला मार्ग को जाम भी कर दिया. मृतका के परिजनों का कहना था कि बैंककर्मियों ने गलत बर्ताव किया, इसलिए महिला की जान गई.

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