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आंध्र प्रदेश की जगन सरकार मानहानिकारक बयान के लिए पवन कल्याण पर मुकदमा चलाएगी

Pawan Kalyan ने आरोप लगाया है कि आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा विकसित स्वयंसेवी प्रणाली नेटवर्क मानव तस्करी में शामिल है

Published
भारत
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अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण (Pawan Kalyan) के खिलाफ गुरुवार को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार ने ग्राम/वार्ड स्वयंसेवकों एवं सरकार के खिलाफ उनके अपमानजनक बयान के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश (GO) जारी किया जिसमें लोक अभियोजक को ग्राम/वार्ड स्वयंसेवकों और सरकार के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए जन सेना पार्टी (JSP) नेता के खिलाफ सक्षम अदालत में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया.

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ग्राम स्वयंसेवक/वार्ड स्वयंसेवक एवं ग्राम सचिव/वार्ड सचिव विभाग के लोक अभियोजक को तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है. जीओ (GO) में 9 जुलाई को एलुरु में पवन कल्याण के भाषण का हवाला दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि

आंध्र प्रदेश में एनसीआरबी (NCRB) डेटा के अनुसार 29,000 महिलाओं के लापता होने का एकमात्र कारण स्वयंसेवक हैं.
पवन कल्याण, अभिनेता-राजनेता

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मुख्य रूप से अकेली महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है और कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर जानकारी एकत्र की जा रही है और इसे असामाजिक तत्वों को भेज दिया जाता है, जो मानव तस्करी के समान है.

पवन कल्याण ने आरोप लगाया है कि आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा विकसित स्वयंसेवी प्रणाली नेटवर्क मानव तस्करी में शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्वयंसेवकों को लोगों का पूरा डेटा मिला, उन्होंने वित्तीय कठिनाइयों वाली महिलाओं को निशाना बनाया और उन्हें तस्करी में धकेल दिया. 29,000 लापता महिलाओं में से केवल 14,000 महिलाओं का पुलिस द्वारा पता लगाया गया और शेष 16,000 महिलाओं का पता नहीं चला.

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जीओ में उल्लेख किया गया है कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य के नक्शेकदम पर चलते हुए ग्रामीण स्तर पर प्रशासन के विकेंद्रीकरण के हिस्से के रूप में एपी सरकार ने राज्य में गांव/वार्ड स्वयंसेवक प्रणाली को लागू करके एक अभिनव नीतिगत निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य गरीब लोगों को सरकारी सेवाओं और कल्याण और विकास योजनाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार या बिचौलियों के सबसे पारदर्शी तरीके से उनके दरवाजे पर पहुंचाना है. इसमें कहा गया है कि पवन कल्याण के अपमानजनक बयानों ने बड़े पैमाने पर जनता की नजर में स्वयंसेवी प्रणाली के साथ-साथ राज्य सरकार की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचाया है, विशेष रूप से संकटग्रस्त महिलाओं के मन में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है.

"सरकार ने मामले की सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद और आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 199 (4) (बी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संबंधित लोक अभियोजक को मानहानिकारक, अपमानजनक और जहरीले बयान देने के लिए पवन कल्याण के खिलाफ सक्षम अदालत के समक्ष शिकायत करने की मंजूरी दी है."
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इस बीच पवन कल्याण ने कहा कि वह मुकदमों से नहीं डरते. उन्होंने कहा कि वह जेल जाने को तैयार हैं. अभिनेता-राजनेता जानना चाहते थे कि 2.5 लाख स्वयंसेवकों द्वारा एकत्र किया गया 23-बिंदु डेटा कहां संग्रहीत किया जा रहा है.

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