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PM मोदी के साथ राजस्थान की पायल को भी मिला चेंजमेकर अवॉर्ड 

कैलाश सत्यार्थी ने पायल को अवॉर्ड मिलने पर जताई खुशी

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भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए अमेरिका में ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन ने उन्हें सम्मानित किया. लेकिन उनके साथ एक और भारतीय को इस फाउंडेशन ने अवॉर्ड दिया. राजस्थान की रहने वाली पायल जांगिड को फाउंडेशन ने चेंज मेकर अवॉर्ड से सम्मानित किया.

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पायल जांगिड को यह अवॉर्ड राजस्थान में बाल विवाह और बाल श्रम जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दिया गया. पायल ने इस मुहिम को कई जिलों में फैलाया और ऐसी कुरीतियों को खत्म करने का काम किया. पायल अब दुनियाभर में इस मुहिम को चलाना चाहती है.
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सत्यार्थी बोले- गर्व का मौका

पायल को न्यूयॉर्क में बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से अवॉर्ड मिलने पर नोबेल पुरुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने खुशी जताई. उन्होंने पायल के साथ कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया. पायल को अवॉर्ड मिलने के दौरान वो भी न्यूयॉर्क में मौजूद थे. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

"सुमेधा जी और मुझे हमारी बेटी पायल को न्यूयॉर्क में बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से दिए गए अवॉर्ड पाते देख काफी गर्व हो रहा है. उसने अपनी शादी से इनकार कर दिया और उसके पूरे गांव को बाल विवाह और बाल मजदूरी से मुक्त किया."

पायल जांगिड ने चेंजमेकर अवॉर्ड मिलने पर कहा, “मैं काफी खुश हूं. पीएम मोदी को भी ये अवॉर्ड मिला है. जिस तरह मैंने इस समस्या को अपने गांव में खत्म किया, ठीक वैसे ही मैं दुनियाभर में करना चाहती हूं.”

बचपन से ही शुरू हुआ संघर्ष

पायल जांगिड राजस्थान के एक गांव की रहने वाली है. उसके घरवालों ने बचपन में ही उसकी शादी करानी चाही. सब कुछ तय हो गया था, लेकिन पायल ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया. अपने परिवार से बगावत के बाद पायल ने ठान लिया कि वो बाल विवाह के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी. इसके बाद उसने अपने आस-पास के गांवों में जाकर ये मुहिम चलाई. पायल की मुहिम का असर राजस्थान के कई इलाकों में देखा गया.

पीएम मोदी भी अमेरिका के न्यूयॉर्क में हैं. पायल के साथ पीएम मोदी को भी अवॉर्ड दिया गया. पीएम ने इस मौके पर कहा -

“महात्मा गांधी की 150 जन्म जयंती पर मुझे ये अवार्ड दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. ये इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है.”

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