पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने गुरुवार को कहा कि 16 देशों के राजनयिकों का जम्मू-कश्मीर दौरा घाटी में सरकार की ओर से किए गए बंद को सामान्य दिखाने की कोशिश है. पीडीपी ने केंद्र को चुनौती दी कि वह राजनयिकों को हिरासत में रखे गए राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करने की इजाजत दे.
पीडीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा-
‘‘आज प्रधानमंत्री ऑफिस राजनयिकों के दूसरे जत्थे को कश्मीर में हालात ‘दिखाने’ लाया. ये सरकार की ओर से किए गए बंद को सामान्य दिखाने की कोशिश लगता है. प्रधानमंत्री ऑफिस को चुनौती देते हैं कि क्या वे इन विदेशी दूतों को 160 दिन से जेल में बंद राजनीतिक बंदियों से मुलाकात करने देंगे?’’
बता दें, जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 16 देशों के दूत मौजूदा स्थिति का मुआयना करने 9 जनवरी को श्रीनगर पहुंचे.
16 देशों के राजनयिकों का ये दौरा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को गलत साबित करने की सरकार के कूटनीतिक कोशिशों का हिस्सा है. राजनयिकों ने यहां पहुंचते ही पीडीपी के नेता सैयद अल्ताफ बुखारी समेत कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की.
"लोकतंत्र के लिए काम करने वालो को सरकार ने जेल में डाला"
पीडीपी ने उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से इस हफ्ते बुखारी के नेतृत्व में पार्टी से अलग हो चुके नेताओं की मुलाकात के बारे में टिप्पणी की. उसने कहा, ‘‘सरकार ने उन लोगों को जेल में डाला जिन्होंने लोकतंत्र के काम किया और उन कठपुतलियों को ले आई जो बेहद सस्ते में बिकने को तैयार हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को समझना चाहिए कि जो वास्तव में कश्मीर की मिट्टी से प्रेम करते हैं वह बिकाऊ नहीं हैं.’’
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