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पेगासस केस: जानिए कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी में शामिल एक्सपर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पेगासस मामले की सुनवाई 8 हफ्ते बाद फिर होगी.

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पोगासस (Pegasus) मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जांच कमेटी बना दी है. इस कमेटी की निगरानी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन करेंगे.

आलोक जोशी और संदीप ओबरॉय जस्टिस रवींद्रन की मदद करेंगे. कोर्ट ने मामले की जांच के लिए टेक्निकल कमेटी का गठन किया है. इसमें प्रोफेसर डॉ, नवीन कुमार चौधरी, प्रोफेसर प्रभाकरण पी. और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अश्विन अनिल गुमस्ते होंगे.

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कौन हैं कमेटी में शामिल लोग?

जस्टिस आरवी रवींद्रन

जस्टिस रवींद्रन सुप्रीम कोर्ट के जज रहे चुके हैं. 2011 में वो सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए हैं. जस्टिस रवींद्रन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं. उन्होंने अपने करियर में ओबीसी आरक्षण, 1993 मुंबई बम ब्लास्ट समेत अन्य हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की है.

आलोक जोशी

आलोक जोशी 1976 बैच के हरियाणा कैडर के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं. विदेशों में भारत की इंटेलिजेंस जुटाने वाली एजेंसी रॉ के चीफ रह चुके हैं. जोशी पेगागस मामले की जांच में जस्टिस रविंद्रन की मदद करेंगे.

डॉ. संदीप ओबरॉय

संदीप ओबरॉय जाने-माने आईटी और साइबर एक्सपर्ट हैं. उन्होंने आईआईटी कानपुर से बी-टेक , आईआईटी दिल्ली से एम-टेक और आईआईटी बॉम्बे से पीएचडी किया है. ओबरॉय इंटरनैशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टैंडर्डाइजेशन सब कमिटी के चेयरमैन हैं.

टेक्निकल कमेटी में कौन?

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टेक्निकल कमेटी भी बनाई है. आइए इस समिति के सदस्यों के बारे में जानते हैं.

डॉ. नवीन कुमार चौधरी

डॉ नवीन कुमार चौधरी गांधीनगर स्थित नैशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के डीन हैं. चौधरी साइबर और डिजिटल फॉरेंसिक्स के एक्सपर्ट हैं, उन्हें इस क्षेत्र में 20 साल से ज्यादा का अनुभव है.

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डॉ. प्रभाकरन पी

डॉ. प्रभाकरन केरल स्थित अमृत विश्व विद्यापीठम प्रोफेसर हैं. उन्हें कंप्यूटर साइंस और सिक्यॉरिटी के क्षेत्र में 20 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले हैं. वे मालवेयर डिटेक्शन, क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चरल सिक्यॉरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जानकार माने जाते हैं.

डॉ. अश्विन अनिल गुमस्ते

गुमस्ते अमेरिकी की प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से जुड़े वैज्ञानिक रह चुके हैं. उनके नाम पर अमेरिकी में 20 से ज्यादा पेटेंट्स हैं. गुमस्ते के 150 से ज्यादा रिसर्च प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने 3 किताबें भी लिखी हैं.

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