ऐसी खबरें सुनने में आ रही हैं कि रविवार शाम को वाशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्डियन (Washington Post And London Guardian) भारत में पेगासस (Pegasus) के इस्तेमाल से जुड़ी एक अहम रिपोर्ट प्रकाशित कर सकती हैं.
इस बारे में सुब्रमण्यम स्वामी लिखते हैं, "ऐसी मजबूत अफवाहें हैं कि आज शाम को वाशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्डियन एक रिपोर्ट प्रकाशित करने जा रहे हैं, जिसमें बताया गया है कि मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों, आरएसएस नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के जजों और पत्रकारों के फोन टैप करने के लिए इजरायली फर्म पेगासस की सेवाएं ली गई हैं."
वहीं टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सूची में विपक्षी नेता भी शामिल हैं. मतलब विपक्षी नेताओं के फोन भी टैप किए गए.
वरिष्ठ पत्रकार और गल्फ न्यूज में काम करने वाली शीला भट्ट ने शनिवार को ट्वीट कर लिखा, "तो कल प्रकाशित होने वाली स्टोरी मानसून सत्र का पहला हफ्ता खपाने वाली है. इंतजार करते हैं और देखते हैं कि इससे किसको और कितनी चोट लगती है."
वहीं पत्रकार अरविंद गुणशेखर और रोहिणी सिंह ने भी कुछ क्रिप्टिक मैसेज पोस्ट किए हैं. अरविंद ने लिखा, "देखते हैं इस बार मशीनरी किस तरह काम करती है". वहीं रोहिणी लिखती हैं, "तूफान के पहले की शांति."
वहीं पत्रकार खालिद शाह ने लिखा, "अगर जो मैंने सुना वह सच है, तो कल बहुत बड़ी स्टोरी आने वाली है."
बता दें इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल दुनियाभर में जासूसी के लिए किया जाता रहा है. भारत में भी कुछ समय पहले इसके पत्रकारों और समाजसेवियों के फोन ट्रैप करने के लिए इस्तेमाल करने की खबरें आई थीं. तब उठे विवाद पर कंपनी ने साफ कहा था कि उनका सॉफ्टवेयर केवल सरकारी उपयोग के लिए होता है.
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