संसद में जम्मू कश्मीर के सांसदों के आने पर रोक लगाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य के भंग होने के बावजूद सांसद अवैध तरीके से अपने पद पर कायम हैं.
हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्ववर्ती राज्य से राज्यसभा में चार और लोकसभा में छह सदस्यों सहित 10 सांसद अवैध तरीके से संसद में अपने पद पर हैं .
अलगाववादी नेता ने दाखिल की याचिका
अलगाववादी नेता अब्दुल गनी भट ने दिल्ली की हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि जम्मू कश्मीर के 10 सांसदों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाए.
दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित सारे सांसद सरकारी खजाने पर बोझ बढा रहे हैं क्योंकि उन्हें पद के साथ वेतन और अन्य भत्ते भी मिल रहे हैं .
'10 सांसदों की मौजूदगी असंवैधानिक'
याचिका में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा जा चुका है. इसे लद्दाख और जम्मू कश्मीर के रूप में पुनर्गठित किया गया है तो ऐसे में संसद में पूर्ववर्ती राज्य के 10 सांसदों की मौजूदगी ‘अनैतिक, अवैध और असंवैधानिक’ है.
याचिका में मांग की गई है कि उन्हें अन्य सांसदों की तरह मिलने वाले वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं पर रोक लगनी चाहिए .
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