ADVERTISEMENTREMOVE AD

PFI ने कहा- सिब्बल और जयसिंह को केस लड़ने की दी थी फीस

PFI ने CAA एंटी प्रोटेस्ट में हाथ होने के आरोपों से साफ इनकार कर दिया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

यूपी में CAA एंटी प्रोटेस्ट में हाथ होने की खबरों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने पूरी तरह से नकार दिया है. पीएफआई ने इन खबरों को बेबुनियाद और साजिश करार दिया है.

हालांकि PFI ने कबूला है कि उनके संगठन ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, इंदिरा जयसिंह और दुष्यंत दवे को पैसे ट्रांसफर किए थे. लेकिन संगठन ने ये पैसे तीनों वकीलों को साल 2017 में मशहूर हादिया केस लड़ने के लिए दिए थे. PFI के सचिव अनीस अहमद ने मंगलवार को एक वीडियो जारी कर सभी आरोपों पर सफाई दी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अनीस अहमद ने कहा, "पीएफआई ने साल 2017 में हादिया केस लड़ा था. इस केस के लिए हमने पब्लिक से फंड इकट्ठा किया था. लोगों ने बढ़-चढ़कर इस केस के लिए पीएफआई को चंदा दिया. यही चंदा फीस के रूप में वकीलों को उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई थी. अब उस 2017 के लेन-देन को साजिश के तहत 2019 का बताया जा रहा है."

कश्मीर में पैसा ट्रांसफर करने के आरोप पर PFI का जवाब

पीएफआई सचिव ने कहा, "रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि पीएफआई ने अपनी कश्मीर विंग को भी फंडिंग किया. ये बात हर कोई जानता है कि पीएफआई कई राज्यों में है लेकिन कश्मीर में हमारा कोई विंग नहीं है. न ही कश्मीर में हमारा काम है."

2014 में कश्मीर में जब बाढ़ आई थी, तब हमने लोगों से चंदा देने के लिए अपील की थी. बढ़ी संख्या में लोगों ने हमें चंदा दिया, जिसके बाद वहां पीड़ित लोगों की मदद की गई. उस 2014 के लेन-देन को 2019 का बताया जा रहा है. हमें बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं.
अनीस अहमद, सचिव, PFI

CAA एंटी प्रोटेस्ट का मास्टरमांइड PFI?

अनीस अहमद ने यूपी और असम सरकार की ओर से पीएफआई पर लगाए गए पिछले आरोपों का भी जवाब दिया. अनीस ने कहा, हाल ही में यूपी और असम की सरकारों ने भी आरोप लगाया कि सीएए एंटी प्रोटेस्ट का मास्टरमांइड पीएफआई है. लेकिन जब ये केस कोर्ट में गया, तो क्या हुआ. बीजेपी की सरकार कोर्ट में इन आरोपों को साबित करने में फेल हो गई.

अनीस अहमद ने आगे कहा, "ये सारे आरोप बेबुनियाद है, इनसे कुछ भी साबित होने वाला नहीं है. हम किसी से डरने वाले नहीं हैं. हम हर आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हैं."

क्या है पूरा मामला?

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, ED के सूत्रों ने बताया है कि PFI ने CAA के खिलाफ प्रदर्शनों की फंडिंग की है. मनी लॉन्ड्रिंग के तहत PFI की जांच कर रही ईडी ने पता लगाया है कि कानून के पारित होने के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठन से जुड़े कई बैंक खातों में कम से कम 120 करोड़ जमा किए गए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×