दिल्ली हिंसा मामले पिंजरा तोड़ एक्टिविस्ट देवांगना कालिता को दिल्ली हाईकोर्ट से मंगलवार को जमानत मिल गई है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने ये फैसला सुनाया.
कालिता को दिल्ली पुलिस ने 23 मई को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में फरवरी में हुए एंटी-सीएए प्रदर्शनों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. उन्हें हिंसा की साजिश करने वाले मुख्य आरोपियों में से एक बताया गया था. वो जेएनयू की छात्रा और पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल के साथ तिहाड़ जेल में बंद थीं.
कालिता एंटी-सीएए प्रदर्शन और दिल्ली दंगों से जुड़ी चार FIR में आरोपी हैं. जून 2020 में, वर्तमान मामले में उनकी जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
कलिता ने तर्क दिया था कि हिंसा में उनकी भागीदारी दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं था और वो केवल सीएए की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि हिंसा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान "देश की छवि को कम करने की साजिश" का हिस्सा थी.
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