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नहीं रहे महावीर नरवाल, जेल गई बेटी नताशा के लिए कहते थे- गर्व है

नताशा नरवाल पर पिछले साल दिल्ली दंगों के मामले में UAPA लगाया गया था

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पिंजरा तोड़ एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल का निधन हो गया है. महावीर ने 9 मई को रोहतक में आखिरी सांस ली. इस दौरान नताशा उनके साथ नहीं थी क्योंकि वो पिछले साल मई से जेल में बंद हैं. नताशा पर UAPA लगाया गया है. महावीर नरवाल की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई.

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नताशा ने अपने पिता से मिलने के लिए अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की थी. जमानत मिलती इससे पहले ही 9 मई को महावीर नरवाल ने दम तोड़ दिया. 10 मई को उनके देहांत के बाद नताशा को 3 हफ्ते की जमानत मिली.

71 वर्षीय महावीर 3 मई से कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें डायबिटीज थी, जिसकी वजह से नरवाल की हालत और बिगड़ गई थी.

कौन थे महावीर नरवाल?

महावीर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवाद) के वरिष्ठ सदस्य थे. साथ ही वो एक वैज्ञानिक भी थे. महावीर नरवाल हिसार की CCS हरियाणा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी से बतौर वरिष्ठ वैज्ञानिक रिटायर हुए थे.

महावीर हरियाणा में पीपल्स साइंस मूवमेंट और ज्ञान-विज्ञान आंदोलन की शुरुआत से ही उसके साथ जुड़े हुए थे. पिंजरा तोड़ ने अपने बयान में कहा कि महावीर नरवाल आखिर तक प्रगतिवादी राजनीति में शामिल और उसके लिए प्रतिबद्ध रहे.  

महावीर इमरजेंसी के समय विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए जेल भी जा चुके थे.

पिछले साल नताशा की गिरफ्तारी के बाद मीडिया इंटरव्यू और पब्लिक इवेंट्स में महावीर नरवाल ने कई बार कहा था कि उन्हें अपनी बेटी, उसकी हिम्मत और उसके सिद्धांतों पर 'गर्व' है.

एक्टिविस्ट हर्ष मंदार ने अपने ट्वीट में लिखा कि महावीर ने कहा था, "मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी बेटी इतने लंबे समय जेल में न रहे कि आखिरी बार मेरा चेहरा भी न देख पाए." आखिर में उनकी ये बात सच हो गई.

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नताशा नरवाल कौन हैं?

नताशा नरवाल पिंजरा तोड़ एक्टिविस्ट और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की छात्र हैं. उन्हें पिछले साल 23 मई को CAA के खिलाफ हुए जाफराबाद प्रदर्शन में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. नरवाल के साथ पिंजरा तोड़ की दूसरी एक्टिविस्ट देवांगना कालिता को भी गिरफ्तार किया गया था.

हालांकि, अगले दिन ही उन दोनों को जमानत मिल गई थी. लेकिन कुछ ही मिनटों बाद क्राइम ब्रांच की SIT ने नताशा और देवांगना को हत्या, दंगा और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.  

फिर 29 मई 2020 को नताशा पर UAPA लगा दिया गया. इस कानून में जमानत बहुत मुश्किल से मिलती है. इस बार नताशा की गिरफ्तारी दिल्ली दंगों की FIR 59 के तहत हुई. इसी FIR के तहत पुलिस ने सफूरा जरगर को भी गिरफ्तार किया था.

नताशा पिछले एक साल से तिहाड़ जेल में बंद है.

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