देश के कुछ रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट के दाम तीन गुना से पांच गुना बढ़ा देने की बात सामने आई थी. अब इन कीमतों पर रेलवे की सफाई आई है. रेलवे का कहना है कि कीमतों में इस तरह का इजाफा एक अस्थायी उपाय है जिससे स्टेशनों पर भीड़भाड़ को रोका जा सके और कोरोना वायरस के संक्रमण से यात्रियों को सुरक्षा दी जा सके. रेलवे की तरफ से ये भी कहा गया है कि कुछ समय के लिए ऐसे उपाय पहले भी किए जाते रहे हैं, इसमें कुछ नया नहीं हैं.
रेलवे की तरफ से बताया गया कि मार्च 2020 में भी कई रेलवे डिविजन में प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतों में इजाफा किया गया था, जिसे भीड़भाड़ रोकी जा सके. बाद में इन कीमतों को वापस ले लिया गया. ऐसा ही छठ, दिवाली जैसे त्योहारों में किया जाता है और बाद में बढ़ी हुई कीमतों को वापस ले लिया जाता है.
स्टेशनों पर भीड़ का रेगुलेशन डीआरएम की जिम्मेदारी होती है. ऐसे में प्रबंधन को देखते हुए डीआरएम के पास शक्ति होती है कि वो प्लेटफॉर्म टिकटों को बढ़ा दे.
मुंबई में 50 रुपए का प्लेटफॉर्म टिकट
मुंबई महंगे टिकट के मामले में दिल्ली को पीछे छोड़ रही है. मुंबई में भी प्लेटफॉर्म टिकट के रेट बढ़ा दिए गए हैं. मुंबई में रेलवे ने 5 गुना फेयर बढ़ाया है. मतलब 10 रुपए की जगह अब 50 रुपए देने होंगे.
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शिवाजी सुतार ने पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा कि 10 रुपये की पिछली दर के बजाय, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटीटी), दादर और लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) में अब एक प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 50 रुपये है. इसके अलावा ठाणे, पनवेल, कल्याण और भिवंडी रोड स्टेशन पर भी प्लेटफॉर्म टिकट का किराया बढ़ गया है.
हाल ही में रेलवे ने लोकल सफर भी किराया बढ़ा दिया है. रेलवे ने किराया बढ़ाने के पीछे भी यही तर्क दिया है कि सिर्फ कोरोना महामारी को देखते हुए अनावश्यक भीड़ कम करने के लिए किराया बढ़ाया गया है.
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