देश में कोरोनावायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि दुनिया संकट के बहुत बड़े दौर से गुजर रही है. इस संकट ने विश्वभर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है. पहले विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे. जितने आज कोरोनावायरस की इस बीमारी से हैं. पीएम ने देशवासियों से कहा कि - ‘मुझे आपके कुछ हफ्ते चाहिए’.
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि,
“मैंने जो मांगा देश के लोगों ने दिया. आज कोरोनावायरस को लेकर भी कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए. अभी तक कोरोनावायरस का कोई इलाज नहीं मिला है, इसलिए सबकी चिंता बढ़ गई है.”
‘संकल्प’ और ‘संयम’ पर ध्यान दें लोग
पीएम ने आगे कहा कि जिन देशों में ज्यादा असर है, वहां शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का विस्फोट हुआ. संक्रमित लोगों की संख्या अचानक बढ़ी. बड़े-बड़े और विकसित देशों में महामारी का बड़ा असर है. भारत पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है. इसलिए इसका मुकाबला करने के लिए दो चीजें करनी होंगी. पहला- 'संकल्प' और दूसरा - 'संयम'.
पीएम मोदी ने कहा कि इस रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है. पीएम मोदी ने आने वाले रविवार को जनता कर्फ्यू को लेकर कहा,
“मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद कहें. रविवार को शाम को 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर या बालकनी या खिड़कियों से 5 मिनट तक ऐसे लोगों का धन्यवाद ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर करें.”
कैसे लें 'संकल्प'
पीएम मोदी ने कहा कि संकल्प और पक्का करना होगा कि इस महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते अपने कतृव्य का पालन करेंगे. केंद्र और राज्य सरकारों के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे. संकल्प लें कि संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. ऐसी महामारी में एक ही मंत्र काम करता है- हम स्वस्थ तो जगत स्वस्थ.
‘संयम’ बरतना जरूरी
पीएम मोदी ने संकल्प के बाद संयम की बात की और कहा कि भीड़ से बचिए, घर से बाहर निकलने से बचिए और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें. अगर आपको लगता है कि आप ठीक है, आपको कुछ नहीं होगा, ऐसे ही बाजार-सड़कों पर जाते रहेंगे और कोरोना से बचे रहेंगे तो ये सोचना सही नहीं है. ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे. देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत जरूरी हो तो तभी अपने घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो, अपना काम घर से ही करें.
बेवजह हॉस्पिटल जाने से बचें
पीएम मोदी ने बेवजह रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल जाने से भी बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "संकट के समय में याद रखें कि हमारे अस्पतालों पर दबाव बढ़ना नहीं चाहिए. रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल न जाएं. बहुत जरूरी लग रहा हो तो जान पहचान वाले या फैमिली डॉक्टर या परिवार में कोई डॉक्टर हो तो फोन पर ही जरूरी सलाह ले लें. जरूरी सर्जरी न हो तो इसे टाल दें, एक महीने बाद करा लें."
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