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मुफ्त वैक्सीन,गरीब कल्याण योजना..PM मोदी के संबोधन की 10 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए दो अहम ऐलान किए हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए दो अहम ऐलान किए. साथ ही वैक्सीनेशन को लेकर राज्यों के सवालों पर इशारों-इशारों में सवाल उठाते हुए भी दिखे. इस संबोधन में पीएम मोदी ने ऐलान किया कि केंद्र सरकार अब देश के 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीन राज्य सरकारों को उपलब्ध कराएगी. एक दूसरे अहम ऐलान में पीएम ने बताय कि सरकार ने गरीब कल्याण योजना को बढ़ाकर दीपावली तक कर दिया है.

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ऐसे में जानते हैं पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन की 10 खास बातें-

  1. राज्यों को मुफ्त वैक्सीन: प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में कहा- देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा. अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है. अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे. सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी. आज ये निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी.
  2. प्राइवेट अस्पताल ले सकेंगे सिर्फ सर्विस चार्ज: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी. देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी. प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे. इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा.
  3. गरीब कल्याण योजना दिपावली तक: पीएम ने कहा कि आज सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है. यानि नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा.
  4. अफवाहों से सतर्क रहने की जरूरत: धानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग भी वैक्सीन को लेकर आशंका पैदा कर रहे हैं, अफवाहें फैला रहे हैं, वो भोले-भाले भाई-बहनों के जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसी अफवाहों से सतर्क रहने की जरूरत है.
  5. विदेशों से वैक्सीन पाने में दशकों लग जाते थे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की सायं 5 बजे से राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे. विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था. पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था
  6. भारत किसी देश से पीछे नहीं: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं, बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी. हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.
  7. पहले 60% अब 90% वैक्सीन कवरेज:प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था. हमारी ²ष्टि में ये चिंता की बात थी. जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण चल रहा था, उस हिसाब से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते. अब वैक्सीन कवरेज 90 फीसदी हो गया है.
  8. हमें बच्चों-गरीबों की चिंता: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को शुरू किया. हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया. हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया. क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी.
  9. मेडिकल ऑक्सीजन के लिए हुआ य़ुद्धस्तर पर काम: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी. भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया. सरकार के सभी तंत्र लगे.
  10. बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी त्रासदी है: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है. इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोचरें पर एक साथ लड़ा है."

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