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"औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं": PM मोदी के दौरे की 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले फेज का उद्घाटन किया

Published
भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 13 दिसंबर को अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले फेज का उद्घाटन किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि परियोजना से एक नया इतिहास रचा जा रहा है.

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इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी भी लगायी. अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचने पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. 339 करोड़ रुपये की लागत वाली काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना की नींव पीएम मोदी ने 8 मार्च, 2019 को रखी थी.

डालते हैं नजर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन और पीएम मोदी के संबोधन की 10 खास बातों पर.

यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि काशी ने इतिहास और उसके उतार-चढ़ाव देखे हैं. कितनी सल्तनतें आईं और चली गईं लेकिन यह जगह यहीं रही है.

“यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं और अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं”.
पीएम मोदी
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काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है- पीएम मोदी

अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि "काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है. काशी वो है जहां जागृति ही जीवन है. काशी वो है जहां मृत्यु भी मंगल है. काशी वो है जहां सत्य ही संस्कार है. काशी वो है जहां प्रेम ही परंपरा है”

कितने ही सेनानियों की कर्मभूमि-जन्मभूमि काशी रही- पीएम मोदी

“छत्रपति शिवाजी महाराज के चरण यहां पड़े थे. रानीलक्ष्मी बाई से लेकर चंद्रशेखर आज़ाद तक, कितने ही सेनानियों की कर्मभूमि-जन्मभूमि काशी रही है. भारतेन्दु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद, मुंशी प्रेमचंद,पंडित रविशंकर, और बिस्मिल्लाह खान जैसी प्रतिभाएं. इस स्मरण को कहाँ तक ले जाया जाये”
पीएम मोदी

काशी परियोजना से जुड़े श्रमिकों पर पीएम मोदी ने बरसाए फूल

पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना से जुड़े श्रमिकों और इंजीनियरों पर फूल भी बरसाया. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कोरोना महामारी के बावजूद उनके निरंतर प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले फेज का उद्घाटन किया

काशी परियोजना से जुड़े श्रमिकों पर पीएम मोदी ने बरसाए फूल

(पीटीआई )

“मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है. कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया. मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है”
पीएम मोदी

साथ ही काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने लंच भी किया.

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काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है- पीएम मोदी

"काशी महादेव की नगरी कही जाती है. पीएम मोदी ने आज कहा कि काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है. काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है. जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है? “
पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने परियोजना को “दिन-रात एक” करके पूरा करने के लिए CM योगी का आभार जताया

पीएम मोदी ने महामारी के बावजूद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना को हकीकत बनाने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी शासित सरकार का भी शुक्रिया अदा किया.

“हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन के लोग, वो परिवार जिनके यहां घर थे सभी का मैं अभिनंदन करता हूं. इन सबके साथ यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का भी अभिनंदन करता हूं जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया”
पीएम मोदी
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काशी विश्वनाथ मंदिर अब बुजुर्गों और विकलांगों के लिए सुलभ: पीएम मोदी

"बुजुर्गों और विकलांगों के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचना मुश्किल था. लेकिन अब, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के साथ, वे भी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. वे घाट पर सीधे जेटी के साथ आ सकते हैं. यहां तक ​​कि एक एस्केलेटर से घाट तक पहुंचा जा सकता है.”
पीएम मोदी

विश्वनाथ धाम का नया परिसर भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि “विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का. ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का. ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का. भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का”

पीएम मोदी ने देश से मांगे तीन संकल्प

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश से स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प मांगा.

“मेरे लिए जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है, हर भारतवासी ईश्वर का ही अंश है, इसलिए मैं कुछ मांगना चाहता हूं. मैं आपसे अपने लिए नहीं, हमारे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं- स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास”
पीएम मोदी
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काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम- पीएम मोदी

“अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूँ, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूँ. काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूँ”
पीएम मोदी

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