ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या प्रधानमंत्री मोदी के सबसे बड़े शत्रु हैं मुख्यमंत्री मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी का सबसे बड़ा दुश्मन क्या उनका बीता हुआ कल है? 

Published
भारत
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

इतिहास का भूत आपका कभी पीछा नहीं छोड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में यह बात बेहद प्रासंगिक है. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अभी के कुछ मुद्दों पर जो बात कही थी, आजकल वो ठीक उसके विपरीत बयान देते नजर आते हैं. सोशल मीडिया और ट्विटर उन्हें अपने अतीत से भागने नहीं दे रहा है. अब सीबीआई का मामला ही ले लीजिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सीबीआई का दुरुपयोग

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने जिस तरह सीबीआई मामले को लेकर पूरे विपक्ष को एकजुट कर मोदी सरकार पर हमला बोला है, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की खामोशी काफी सवाल खड़े करती है. ममता बनर्जी ने सरकार पर सीबीआई की स्वायत्तता को लेकर सवाल उठाये हैं. इस मामले में ममता ने 'देश बचाओ' नारे और संवैधानिक संस्थाओं को बचाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गई थीं.

बीजेपी के नेताओं ने बिना समय गंवाए सीबीआई का बचाव किया और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सीबीआई को अपना काम करने से रोक रही हैं.

0

क्या बीजेपी हमेशा से CBI का बचाव करती रही है?

अगर बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री मोदी के इतिहास को खंगाला जाये, तो तस्वीर बिलकुल साफ हो जाती है. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने सीबीआई पर निशाना साधते हुए जिस तरह का ट्वीट किया था, उससे कुछ अलग ही बात निकल कर आती है.

दरअसल 2002 के गुजरात दंगों और कुछ कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच कर रही सीबीआई को लेकर जिस तरह के ट्वीट मोदी ने किये थे, उसमें और अभी के ममता बनर्जी के ट्वीट में काफी समानताएं हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने मजे के लिए और इन ट्वीट को खोज निकाला. एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं, ''सीबीआई का मनमाना दुरुपयोग कर रही है सरकार''.

वहीं दूसरे ट्वीट में उस वक्त सरकार पर आरोप लगाते हुए वे कहते हैं, ''सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस जांच एजेंसी और प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रही है.''

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने पुराने ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं. इस बार उन्‍होंने ममता बनर्जी को पूरा समर्थन दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्विटर पर लोगों ने भी सारदा चिटफंड घोटाले के आरोपों वाला राहुल गांधी का पुराना ट्वीट ढूंढ निकाला, जिसमें वो ममता बनर्जी पर आरोप लगा रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अपने पुराने ट्वीट के कारण खुद अपना ही निशाना बन गए हैं. एक बात साफ हो जाती है कि प्रधानमंत्री मोदी के सबसे बड़े आलोचक कोई और नहीं, बल्कि खुद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. वे जोरदार तरीके से आधार, FDI, पेट्रोल की बढ़ती कीमत और रुपये के गिरते मूल्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं.

तब के मुख्यमंत्री मोदी के कुछ जोरदार ट्वीट ऐसे हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी की दुखती रग पर नमक छिड़कने जैसा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विदेशी पूंजी निवेश को लेकर

जनवरी 2018 में मोदी सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी थी. कारण बताते हुए सरकार ने कहा था कि इससे विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा और विदेशी निवेशकों के लिए व्यापार करने में आसानी होगी. साथ ही उन्होंने अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की भी बात कही थी.

दूसरी ओर अगर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट को देखा जाए, तो यह बात पता चलती है कि वो FDI के बिलकुल भी समर्थन में नहीं थे. दिसंबर 2012 में जब UPA की सरकार ने FDI बिल लाया था, तो मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसकी कटु आलोचना की थी और कहा था कि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी.

प्रधानमंत्री मोदी का सबसे बड़ा दुश्मन क्या उनका बीता हुआ कल है? 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रुपये की गिरती कीमत

अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपये की कीमत लगातार गिर रही है. अगस्त 2018 में एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 70.1 पर पहुंच गयी.

सरकार ने तुरंत ही इसके लिए बाहरी ताकतों को इसका जिम्मेदार बताया. वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने इस मामले पर कहा कि रुपया अभी भी अन्य मुद्राओं के मुकाबले बेहतर स्थिति में है. इस लेख के लिखे जाने तक एक डॉलर के मुकाबले रुपया 71.74 पर था.

नीचे के लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट दिखाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, तब एक डॉलर की कीमत 42 रुपये थी. जब वे हटे, तब एक डॉलर की कीमत 44 रुपये थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पेट्रोल की कीमत पर

आपको पेट्रोल की कीमत को लेकर बीजेपी ट्विटर हैंडल से ट्वीट किये हुए हास्यास्पद ग्राफिक ट्वीट तो याद ही होंगे. सितंबर 2018 वाले कॉलम को 2009 और 2014 की अपेक्षा छोटा दिखाया गया था, जबकि सच्चाई ठीक इसके विपरीत थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को ट्विटर पर इसके लिए काफी ट्रोल भी किया गया था. लेकिन पुरानी यादों से उनके मुख्यमंत्री रहते हुए 2012 का उनका ट्वीट ज्यादा ही अजीब है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसा लगता है जैसे नरेंद्र मोदी के लिए 'नाकामी' की परिभाषा ही दोहरी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आधार सुरक्षा मामले पर

आधार कार्ड की प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर देशभर में आंदोलन हुए. इन सबके बावजूद मोदी सरकार ने आधार को दैनिक जीवन की कई चीजों में लागू कर दिया. ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी, जब गूगल पर ही कई लोगों के आधार डेटाबेस की जानकारी उपलब्ध थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो इसका विरोध करने वाले लोगों को बेईमान, भ्रष्ट और बिचौलिए तक कह दिया था. लेकिन वह भी इसके सुरक्षा इंतजाम के मुद्दे से वाकिफ थे, जिसका खुलासा 2014 की उनके ट्वीट से होता है.

अपने ट्वीट में उन्होंने उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें इसकी सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं पता है.

प्रधानमंत्री मोदी का सबसे बड़ा दुश्मन क्या उनका बीता हुआ कल है? 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

'मनुष्य स्वयं अपना सबसे बड़ा मित्र होता है और शत्रु भी.' ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बिलकुल सटीक बैठती है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×