केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर किसानों का लगातार प्रदर्शन जारी है. इस मामले को लेकर अब पीएम मोदी ने वाराणसी के खजूरी में विपक्ष पर जमकर हमला बोला. पीएम ने कहा कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा,
“देश में एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है. पहले ये होता था कि अगर सरकार का फैसला किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था. लेकिन बीते कुछ समय से आतंक और भ्रम फैलाकर उसे इसका आधार बनाया जा रहा है. भ्रम फैलाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि फैसला तो ठीक है लेकिन आगे चलकर पता नहीं क्या-क्या होगा.”
इन लोगों ने किसानों के साथ किया छल
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, जो कभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं उसे लेकर भ्रम फैलाया जाता है. ऐतिहासिक कृषि कानूनों को लेकर भी यही खेल खेला जा रहा है. हमें याद रखना है कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है. कर्जमाफी को लेकर छल किया गया. किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी, और वो खुद मानते थे कि 1रुपये में से सिर्फ 15 पैसे किसान तक पहुंचते थे. किसानों को एमएसपी पर खरीद नहीं मिल पाती थी. पीएम ने कहा-
जब इतिहास छल का रहा तो, तब दो बातें स्वाभाविक हैं. पहली ये कि अगर किसान सरकार की बातों से आशंकित रहता है तो उसके पीछे दशकों का ये छल का इतिहास है. दूसरी ये कि जिन्होंने वादे तोड़े, उनके लिए ये झूठ फैलाना एक तरह से आदत बन गई है.
कृषि कानूनों से बढ़ेगी किसान की आय
- मां गंगा के घाट से किसानों को कहता हूं- अब छल से नहीं, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है.
- जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं, तो ये दूसरे विषय पर झूठ फैलाना शुरू कर देते हैं.
- जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं और सवाल हैं तो उनका जवाब भी सरकार लगातार दे रही है.
- हमारा अन्नदाता आत्मनिर्भर भारत की अगुवाई करेगा. मुझे विश्वास है कि जिन कानूनों को कृषि कानूनों पर शंका है, वो भी इन्हीं कानूनों से अपनी आय बढ़ाएंगे.
यूरिया की कमी नहीं होने दी
पीएम मोदी ने कहा कि, जब इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखोगे तो सच आपके सामने खुलकर आ जाएगा. हमने कहा था कि हम यूरिया की काला बाजारी रोकेंगे. बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी. पहले यूरिया ब्लैक में लेना पड़ता था. कोरोना लॉकडाउन में जब हर गतिविधि बंद थी, तब भी यूरिया पहुंचाया गया.
पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे पहले वाली सरकार के पांच सालों में लगभग 650 करोड़ रुपये की ही दाल किसान से खरीदी गई थी. लेकिन हमने पांच साल में लगभग 49 हजार करोड़ की दालें एमएसपी पर खरीदी हैं. यानी लगभग 75 गुना बढ़ोतरी.
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