पीएम मोदी ने संसद में हर ओहदे पर आईएएस अफसरों के होने पर सवाल उठाए तो पूर्व सचिव अनिल स्वरूप ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर सवाल पूछा कि अगर IAS बाबुओं से इतनी दिक्कत है तो फलां-फलां पदों पर बाबुओं को बिठा कर रखा है. उन्होंने कुल आठ पदों के नाम लिए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने 10 फरवरी को संसद में ब्यूरोक्रेट्स के लिए ‘बाबू’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि ये सवाल है कि देश में क्या सबकुछ बाबू ही करेंगे. आईएएस हो गए तो क्या वो फर्टिलाइजर का कारखाना चलाएंगे, हवाई जहाज भी चलाएंगे, ये कौन सी बड़ी ताकत बनाकर रख दी है हमने?
अनिल स्वरूप ने एक के बाद एक ट्वीट में रखी अपनी बात
1. “पीएम नरेंद्र मोदी से बिल्कुल सहमत हूं, जब वो आईएएस बाबू के सभी अहम पदों पर कब्जा करने को लेकर सवाल उठाते हैं. मैं इस बात से हैरान हूं कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के प्रमुख के तौर पर कोई एक्सपर्ट क्यों नहीं मिला और एक आईएएस बाबू को चेयरमैन नियुक्त किया गया? क्या उन्हें भी CERC चेयरमैन की तरह ही एक्सटेंशन दिया जाएगा?”
2. “पीएम मोदी से पूरी तरह सहमत हूं कि, कैसे सभी अहम पद आईएएस बाबू को दिए जा सकते हैं. आधार नंदन निलेकणि की ही एक देन है, वो एक एक्सपर्ट थे, जिन्होंने UIDAI की अध्यक्षता की. लेकिन अब आईएएस बाबू UIDAI के चेयरमैन पद पर क्यों बैठे हैं?”
3. “पीएम मोदी से बिल्कुल सहमत हूं कि वो आईएएस बाबू के हर अहम पद पर काबिज होने पर सवाल उठाते हैं. लेकिन मुझे हैरानी है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के चेयरमैन के तौर पर एक आईएएस बाबू को क्यों नियुक्त किया गया? क्या सिर्फ आईएएस बाबू को ही नियुक्त करने का नियम है?”
4. “मैं पीएम मोदी से पूरी तरह सहमत हूं कि वो आईएएस बाबू के हर अहम पद पर होने को लेकर सवाल उठाते हैं. लेकिन मुझे हैरानी इस बात की है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाई गई कमेटी का अध्यक्ष एक आईएएस बाबू को क्यों चुना गया?’’
5. “पीएम नरेंद्र मोदी से पूरी तरह सहमत हूं कि वो आईएएस बाबू के हर अहम पद पर होने को लेकर सवाल उठाते हैं. हालांकि मुझे हैरानी इस बात की है कि नीति आयोग के सीईओ का पद एक आईएएस बाबू को क्यों दिया गया, इतना ही नहीं कार्यकाल खत्म होने के बाद इसे आगे भी बढ़ा दिया गया.”
6. “पीएम नरेंद्र मोदी से पूरी तरह सहमत हूं कि वो अहम पदों पर आईएएस बाबू के ही होने पर सवाल उठाते हैं. लेकिन ताज्जुब है कि किस अफसर ने उन्हें एक एक्सपर्ट के बजाय IAS बाबू को IRDA का चेयरमैन बनाने की सलाह दी.”
7. “पीएम नरेंद्र मोदी से पूरी तरह सहमत हूं कि वो अहम पदों पर आईएएस बाबू के ही होने पर सवाल उठाते हैं. लेकिन ताज्जुब है कि एक इंटरनेशनल हस्ती के बजाय एक IAS बाबू को क्यों RBI गवर्नर बनाया गया.”
अनिल स्वरूप ने आगे ये भी सवाल किया कि “मैं पीएम नरेंद्र मोदी से पूरी तरह सहमत हूं कि वो अहम पदों पर आईएएस बाबू के ही होने पर सवाल उठाते हैं. क्यों नहीं एक स्वतंत्र संस्था बनाई जाए जो उन पदों के लिए ‘एक्सपर्ट्स’ को चुनेगी, जहां फिलहाल बाबु बैठे हैं? इससे धक्का मुक्की को रोका जा सकता है.”
एक ट्वीट में अनिल स्वरूप ने लिखा है कि “मैं भक्त नहीं हूं, लेकिन ये स्वीकार करता हूं कि मोदी देश को मिले बेहतरीन नेताओं में से एक हैं. वो काबिल हैं, समझदार हैं, निर्णायक हैं और आइडियाज को स्वीकार करते हैं, संयम से बातें सुनते हैं और शानदार वक्ता हैं..तो क्यों नहीं उनके आसपास के बाबू उन्हें जमीनी सच्चाई से रू-ब-रू कराते हैं.”
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