वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने के मामले में 24 लोगों पर FIR हुई थी. इन FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रदीप कुमार यादव ने याचिका लगाई थी. अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ अखबार पढ़कर जनहित याचिका दाखिल नहीं की जाती.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोस्टर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को हिदायत दी कि इस मामले में जानकारी आधी अधूरी है. हमें इस मामले में और विवरण पेश करें ताकि हम आपकी याचिका पर सुनवाई कर सकें. जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इस मामले की सनवाई की.
केवल अखबार पढ़कर जनहित याचिका दायर न करें
मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार यादव से कहा कि सिर्फ अखबार पढ़कर जनहित याचिका दायर ना करें.
बिना जानकारी के कैसे आगे बढ़ा जाए- SC?
PM मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने पर हुई FIR को रद्द करने के लिए दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पूरी जानकारी दें. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा कि कम से कम प्रकरण के बारे में और सूचना दें ताकि इस मामले में आगे बढ़ा जा सके. एफआईआर और ब्योरा दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता को 1 हफ्ते की मोहलत दी गई है.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के दौरान वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठे थे. इस दौरान विपक्षी नेताओं ने भी देश से पहले विदेशों में वैक्सीन भेजने को लेकर सरकार की आलोचना की थी. इसी क्रम में वैक्सीनेशन को लेकर पीएम मोदी के पोस्टर लगाए गए थे.
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