प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 09 फरवरी को राज्यसभा (Rajyasaba) में गांधी परिवार पर एक और हमला किया. उन्होंने सवाल किया कि उनमें (गांधी परिवार) से किसी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) के बाद "नेहरू" नाम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया.
पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के जवाब के दौरान कहा कि, "अगर हम कहीं भी नेहरू का उल्लेख करने से चूक जाते हैं, तो वे (कांग्रेस) परेशान हो जाते हैं. नेहरू इतने महान व्यक्ति थे, फिर उनमें से कोई भी नेहरू सरनेम का इस्तेमाल क्यों नहीं करता. नेहरू नाम का इस्तेमाल करने में क्या शर्म है."
"यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं है."
जवाहरलाल नेहरू इस देश के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के परदादा हैं. राहुल गांधी ने अरबपति गौतम अडानी के समूह के खिलाफ लगे आरोपों के बीच पीएम मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया है- जो यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा शेयरों में हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी के बाद सुर्खियों में है.
"अगर किसी कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. कुछ लोग नाराज. कुछ को सरकार की योजनाओं के नाम और नामों में संस्कृत के शब्दों से दिक्कत थी. मैंने एक रिपोर्ट में पढ़ा कि 600 सरकारी योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर थीं. मुझे समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी के लोग नेहरू को अपना उपनाम क्यों नहीं रखते, डर और शर्म की क्या बात है?"राज्यसभा में पीएम मोदी
पीएम मोदी ने विपक्ष के जोर शोर से और लगातार "अडानी की जांच करो" के नारों के बीच अपनी बात रखी.
प्रधानमंत्री ने कहा, "वे कहते हैं कि हम राज्यों को परेशान करते हैं, लेकिन उन्होंने 90 बार चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराया है. एक कांग्रेसी पीएम ने निर्वाचित राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए 50 बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया. वह इंदिरा गांधी थीं."
अडानी समूह को लेकर विपक्षी नारेबाजी के स्पष्ट जवाब में, पीएम मोदी ने कहा कि "कमल (BJP का प्रतीक) खिलेगा चाहे आप हमें कितना भी कीचड़ उछालें."
अडानी समूह से जुड़े आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सदन के बीच में विरोध प्रदर्शन किया.
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