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यूएन में पीएम मोदी ने 3000 साल पुरानी तमिल कविता का किया जिक्र

पीएम ने स्वामी विवेकानंद के 125 वर्ष पुराने भाषण का हवाला देते हुए कहा भारत ने हमेशा एकता और शांति का संदेश दिया

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भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में तीन हजार साल पहले हुए तमिल कवि कनियन पुंगुंद्रनार को कोट किया. उन्होंने 50 मिनट के अपने भाषण में भारतीय विविधता में एकता को समझाने के लिए तमिल कवि को कोट किया. उन्होंने उनकी कविता के जरिये दुनिया के सभी लोगों को एक विश्व परिवार होने का संदेश दिया.

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‘दुनिया के सभी लोग अपने ’

उन्होंने तमिल कवि के 'याद्धम उरे यावरम केलिर' कविता को कोट किया. जिसका अर्थ होता है कि कि सभी शहर हमारे अपने हैं. वहां के सभी लोग हमारे संबंधी हैं.मोदी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता पर जोर देते हुए कहा कि यह देश शांति के लिए प्रतिबद्ध है. इस देश ने दुनिया को 'युद्ध' नहीं 'बुद्ध' दिया. अगर किसी देश ने यूएन के शांति मिशन के लिए सबसे ज्यादा बलिदान दिया है तो वह है भारत.

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पीएम मोदी ने कहा

हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं. शांति का संदेश दिया है. यही वजह है कि हमारी आवाज में दुनिया को आतंकवाद के प्रति आगाह करने की गंभीरता और नाराजगी दिखती है.
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‘भारत ने हमेशा दिया शांति और एकता का संदेश’

पीएम मोदी ने कहा कि भारत जिन विषयों को उठा रहा है. या फिर जिन नए विश्व मंचों को खड़ा करने के लिए आगे आया है, उसका आधार दुनिया को मिल रही चुनौतियां ही हैं. भारत दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों से जूझने के लिए सामूहिक कोशिश का हिमायती है.

पीएम मोदी ने शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद के दिए 125 पुराने भाषण को याद किया. उन्होंने कहा, भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को एक संदेश दिया था. यह संदेश शांति और एकता का था. कलह का नहीं.आज भी दुनिया के लिए भारत का एक ही संदेश है. और वह है - शांति और एकता.

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दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह पहला भाषण था. उन्होंने चार साल पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था.

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