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कुंभ से मोदी के खिलाफ उठी आवाज, राम मंदिर के मुद्दे पर संत नाराज

संत समाज ने कुंभ में मोदी के खिलाफ होर्डिंग टंगने लगे हैं 

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भारत
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अर्धकुंभ के साथ ही राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है. देश की नजरें 4 जनवरी से सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं. लेकिन इसके पहले प्रयागराज में संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

संत समाज ने कुंभ में मोदी के खिलाफ होर्डिंग लगाए हैं. जिसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर मोदी सरकार को चेतावनी दी गई है.

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पीएम से क्यों नाराज हैं संत?

संतों की नाराजगी की वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र का वो बयान, जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार राम मंदिर को लेकर संसद में विधेयक नहीं लाएगी. मोदी के ताजा बयान से कुंभ में पहुंच रहे साधुओं में नाराजगी बढ़ गई है.

प्रयागराज में कुंभ क्षेत्र में स्वामी नरेंद्राचार्य जी महाराज ने एक पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है ‘अगर अब भी राम मंदिर न बना पाओगे तो आने वाली पीढ़ी को क्या मुंह दिखाओगे’.

मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

कुंभ में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लाखों की संख्या में संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं. 14 जनवरी से कुंभ की विधिवत शुरुआत होने वाली है, लेकिन इसके पहले ही संगमनगरी सियासी अखाड़े में तब्दील हो गई है. संतों के बीच राम मंदिर मुद्दे को लेकर सुगबुगाहट तेज होने लगी है. संतों ने बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा-

अगर सुप्रीम कोर्ट के जरिए ही फैसला होना है तो फिर बीजेपी इतने दिनों से राम के नाम पर वोट क्यों मांग रही है. कांग्रेस ने मंदिर का ताला खुलवाया और पूजा करवाई, लेकिन बीजेपी ने सिर्फ राम मंदिर के नाम पर वोट मांगा.

इस बीच नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी प्रवीण तोगड़िया ने भी उनके बयान पर प्रतिक्रिया देने में देरी नहीं लगाई. कुंभ में पहुंचे प्रवीण तोगड़िया ने मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा-

ये हिंदुओं के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है. मोदी अब साढ़े चार के शासन के बाद कह रहे हैं कि हम संसद में विधेयक नहीं ला सकते हैं. बीजेपी राममंदिर के वादे के साथ सत्ता में आई थी लेकिन अब लोगों को धोखा देने का काम कर रही है.
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मोदी के बयान से VHP भी है नाराज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर विश्व हिंदू परिषद पहले ही नाराजगी जता चुकी है. वीएचपी के नेताओं का साफ कहना है कि वो कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं कर सकते. बेहतर यही होगा कि सरकार संसद में विधेयक लाकर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाए.

विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार के मुताबिक 31 जनवरी को कुंभ में होने वाले धर्मसंसद में तय होगा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अगला रास्ता क्या होगा ?

राम मंदिर को लेकर क्या कहा है पीएम मोदी ने?

नए साल पर न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर समेत कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा, “राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है.”

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