नई सरकार बनने के बाद शनिवार को पहली बार नीति आयोग की बैठक होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल शामिल हो रहे हैं. हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसमें शामिल नहीं होंगी.
ममता बनर्जी ने कहा था कि नीति आयोग के पास राज्यों की मदद के लिए वित्तीय शक्ति नहीं है. इसलिए इस बैठक में हिस्सा लेने का कोई फायदा नहीं है.
वहीं दूसरी ओर तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव के भी नीति आयोग की मीटिंग में शामिल नहीं होने की खबरें आ रही हैं. हालांकि उनके मीटिंग में नहीं शामिल होने की वजहों के बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं है.
क्या है इस बैठक का एजेंडा?
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का एजेंडा तय हो चुका है. नीति आयोग की बैठक राष्ट्रपति भवन में होगी. बैठक में 5 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा की जाएगी.
इस एजेंडे में जिला स्तरीय कार्यक्रमों, खेती किसानी में क्रांति, सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, बारिश के पानी का संग्रहण और सामाजिक स्तर पर सूखे के प्रभाव और इसके संभावित राहत उपायों पर चर्चा शामिल है.
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास के मंत्री मौजूद रहेंगे. इसके अलावा नीती आयोग के उपाध्यक्ष, सीईओ और सदस्य भी इस बैठक में शामिल रहेंगे.
क्या होता है इस बैठक में?
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में की बैठक में पिछली बैठकों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है और साथ ही भविष्य की विकास से संबंधित प्राथमिकताएं तय की जाती हैं. अभी तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गवर्निंग काउंसिल की बैठक में चार बैठकें हो चुकी हैं.
अबतक की बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे. इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है.
गवर्निंग काउंसिल की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्रियों के तीन उप समूहों और दो कार्यबलों की प्रगति की समीक्षा की गई.
गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई जिसमें पीएम मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ कराने साथ ही वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने पर जोर दिया था.
गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी, जिसमें किसानों की आमदनी दोगुना करने और सरकार की प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)