वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
सोचिए कि किसी दिन अमिताभ बच्चन कह दें कि सिनेमा से संन्यास लेने की सोच रहे हैं, लता मंगेश्कर कह दें कि अगले रविवार से गाना नहीं गाएंगी तो उनके फैंस में तो हड़कंप मच ही जाएगा. बस कुछ इसी अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया कि वो सोशल मीडिया छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं. बस फिर क्या था- हर तरफ एक सवाल कि पीएम मोदी ऐसा क्यों कर रहे हैं? सारे न्यूज चैनल, अखबार, वेबसाइट ब्रेकिंग मोड में आ गए कि क्या मोदीजी सोशल मीडिया से संन्यास लेने की सोच रहे हैं. आखिर क्यों सोच रहे हैं ऐसा मोदीजी.
दोपहर में कोरोनावायरस की एक गंभीर खबर आई थी कि दिल्ली में एक संक्रमित पाया गया है, कुल 5 लोग देश में इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हैं. ऐसी भी खबर थी जो सारे मीडिया हाउस दिखा रहे थे लेकिन रात में जैसे ही पीएम मोदी का ट्वीट आया कि माहौल पूरा बदल गया. हर जगह बस मोदी जी ही मोदी जी. आखिर हो भी क्यों ना?
मोदी पिछले दस साल से सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यम का बेहतरीन इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पार्टी, कार्यकर्ताओं से लेकर देश के लाखों लोगों को सोशल मीडिया का आदी बनाया है. सोशल मीडिया पर मोदी जी के तमाम फॉलोअर्स को जोड़कर अगर एक देश बना दिया जाए तो वो दुनिया का दसवां सबसे बड़ा देश होगा. इतने तो फॉलोअर्स हैं उनके.
15 घंटे बाद खोला राज
ऐसे में ये तो खबर बननी ही थी लेकिन 15 घंटे के भीतर पीएम कुछ यूं राज खोला कि बड़े से बड़े मार्केटिंग गुरु ने दांतो तले उंगली दबा ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलासा किया है कि वो 8 मार्च यानी महिला दिवस के दिन अपने तमाम सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं के नाम कर देंगे जिनकी जिंदगी और काम हमें प्रेरित करते हैं. इससे लाखों लोगों में उत्साह जगेगा.
राहुल गांधी-मायावती ने क्या कहा?
अब आप सोचिए कि कल आपने जो अलग-अलग ग्राफिक्स और तमाम डिजाइन वाली खबरें पढ़ीं उनका क्या हुआ. जो लोग लगातार सोशल मीडिया पर लगे रहे. ये ट्रेंड कराते रहे #NOSir कि नहीं नहीं सर सोशल मीडिया से मत जाइए उनका क्या हुआ. अब कुछ लोग इस 15 घंटे की कवायद पर सवाल भी उठा रहे हैं. जैसे राहुल गांधी हैं वो कहते हैं कि ऐसे वक्त में जब देश आपातकाल जैसी स्थिति से गुजर रहा है तो सोशल मीडिया से खिलवाड़ कर वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए.
अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा है- डियर पीएमओ, ऐसे समय में जब भारत आपातकाल का सामना कर रहा है, तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के साथ भारत का समय बर्बाद करने से बचें. कोरोनावायरस की चुनौती पर फोकस करें.
बीएसपी चीफ मायावती प्रधानमंत्री के इस ट्वीट को सरकार की कमियों पर से जनता का ध्यान हटाने की स्ट्रैटेजी बता रही हैं. उन्होंने लिखा,
पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया से पूरी तरह से अलग होने की कल की गई घोषणा काफी सुर्खियों में है. लेकिन लोग आशंकित हैं और उन्हें इनका यह कदम वास्तव में इनकी पार्टी और सरकार की कमियों पर से जनता का ध्यान बांटने का एक और राजनीतिक स्वार्थ भरा प्रयास ही ज्यादा लगता है.
कम से कम ये सबक लेना चाहिए!
अब बात ये है कि पॉलिटिक्स, मार्केटिंग ये सब छोड़ दें तो पीएम मोदी का ये तरीका काफी अनोखा रहा. एक मार्केटिंग गुरु की तरह उन्होंने एक दिन पहले टीजर फेंका, फिर खबर बताई. महिला दिवस पर पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर महिलाओं की प्रेरक कहानियां शेयर करने एक बेहद सकारात्मक कदम है, जिसकी खूब तारीफ होनी चाहिए. आधी आबादी की बात लोगों तक पहुंचाना, उनकी इंस्पीरेशन स्टोरी शेयर करना..महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है लेकिन एक बात और है, जो समझना चाहिए उन लोगों को जो ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हैं..भद्दी-भद्दी टिप्पणियां करते हैं. इनमें से कई ऐसे लोग हैं जो खुदको पीएम मोदी का बड़ा फैन बताते हैं और कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें पीएम मोदी फॉलो करते थे और उन्होंने कभी किसी महिला को गाली दे दी, तो कभी किसी को जान से मारने की धमकी तो कभी किसी के कैरेक्टर पर ही सवाल उठा दिया.
अब इन सभी लोगों के लिए ये सीख है कि कम से कम अब से पीएम मोदी से सबक लेकर सोशल मीडिया पर भद्दी टिप्पणियां करना, गालियां बकना, धमकी देना बंद कर दें .
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)