राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया भर में सम्मान मिलता है, क्योंकि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और यहां 70 साल बाद भी लोकतंत्र जिदां है. जो महात्मा गांधी का देश है. राजस्थान के बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और गहलोत ने मंच साझा किया.
गहलोत ने किस हेल्थ स्कीम को देश भर में लागू करने की पीएम मोदी को सलाह दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के सानिध्य में देश ने आजादी की जंग लड़ी, पंडित जवाहरलाल नेहरू 10 वर्ष तक जेल में रहे, तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान लिखा, उसी से हम प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों की शिक्षा के लिए बांसवाड़ा में जनजाति विश्वविद्यालय खोला गया है. साथ ही, प्रदेशभर में शिक्षा क्षेत्र में अनेक विकास किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाओं में भी राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में आगे निकल गया है.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राज्य सरकार द्वारा हर यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना' शुरू की है. इस जनकल्याणकारी योजना का अध्ययन कराकर पूरे देश में लागू किया जाए, ताकि हर वर्ग को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके.
गहलोत ने कहा कि रतलाम को बांसवाड़ा के जरिए डूंगरपुर से रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना के लिए 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देनी थी. उन्होंने कहा कि हमने 250 करोड़ रुपये रेलवे को जमा करा दिये, हमने जमीन दे दी. इस पर काम भी शुरू हो गया था, लेकिन बाद में अचानक काम रुक गया.
गहलोत ने की मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की मांग
गहलोत ने आदिवासी शहीदों को नमन करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता में आदिवासियों का बड़ा योगदान रहा है.. उनका संघर्ष अकल्पनीय रहा है. यही वजह है कि मेवाड़-वागड की धरती और मानगढ़ धाम का गौरवशाली इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है. यहां के इतिहास की जितनी खोज की जाए, उतनी नई कहानियां मिलेंगी. उन्होंने कहा कि आजादी में गोविंद गुरू की महत्वपूर्ण भूमिका को भारतीय कभी भी भूल नहीं सकते हैं. उन्होंने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की भी मांग की.
भारत का इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता - मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज के संघर्ष और बलिदान को आजादी के बाद लिखे गये इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए. वो नहीं मिली और आज देश दशकों की उस भूल को सुधार रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का अतीत, भारत का इतिहास, भारत का वर्तमान और भारत का भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता.
मंगलवार को स्वतंत्रता आंदोलन में 1500 आदिवासियों की शहादत स्थल बांसवाड़ा के मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने की मांग पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपना विजन रखा. उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम का भव्य विस्तार हम सभी की प्रबल इच्छा है. इसके लिए राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. मेरा चारों राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे इस दिशा में विस्तृत चर्चा करें. एक खाका तैयार करें ताकि गोविंद गुरु का स्मृति स्थल पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए. इन चार राज्यों और भारत सरकार को इसे (धाम को) नई ऊंचाई पर ले जाना है. भारत सरकार इस दिशा में काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
राजस्थान का मानगढ़धाम आदिवासियों के बेहद महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है. यह राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमा से लगी मानगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित है. प्रधानमंत्री के मंगलवार को यहां आना और ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम में एक बड़ी आदिवासियों की सभा को संबोधित करने को गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस जाति के मतदाताओं को साधने की राजनीति के तहत देखा जा रहा है. मोदी की इस यात्रा से गुजरात के उत्तरी हिस्सों में विधानसभा क्षेत्रों पर जहां आदिवासी मतदाता बड़ी संख्या में है, असर पड़ने की संभावना है. मोदी की मौजूदगी में हुई सभा में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे.
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