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सुरक्षा चूक: President रामनाथ कोविंद से मिले PM मोदी, राष्ट्रपति ने जताई चिंता

राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने इस गंभीर "सुरक्षा चूक" के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है.

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पंजाब (Punjab) में अपनी सुरक्षा में "बड़ी चूक" के एक दिन बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार 6 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मुलाकात की और उन्हें "उनके काफिले में सुरक्षा उल्लंघन का 'फर्स्ट-हैंड अकाउंट' दिया.

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राष्ट्रपति भवन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने इस गंभीर "सुरक्षा चूक" के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है.

पीएम मोदी ने भी बैठक के बारे में ट्वीट किया और कहा कि वह उनकी चिंता के लिए उनके आभारी हैं.

इससे पहले भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी इस मामले पर "गहरी चिंता" व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था. उपराष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, "भारत के उपराष्ट्रपति, श्री एम वेंकैया नायडू ने आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक के बारे में बात की. उन्होंने सुरक्षा उल्लंघन पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और आशा जताई कि सुरक्षा प्रोटोकॉल स्थापित करने और भविष्य में ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति सुनिश्चित करने के लिए ईमानदारी से पालन करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे."

क्या हुआ था?

एक बयान में एमएचए (MHA) ने कहा कि हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किमी दूर, पीएम का काफिला, जो एक फ्लाईओवर पर था, आगे नहीं बढ़ सका क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को ब्लॉक कर दिया था. पहले पीएम को फिरोजपुर में रैली स्थल के लिए रवाना किया जाना था लेकिन मौसम खराब होने के बाद योजना को बदल दिया गया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (केएमएससी) से जुड़े प्रदर्शनकारी पीएम के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे. यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी."

प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है: "एमएचए ने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. राज्य सरकार को भी इस चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है."

घटना पर राजनीतिक विवाद

यह घटना एक बहुत बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है, एमएचए ने इस घटना की पंजाब सरकार से जांच कराने की मांग की है.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर मोदी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है, और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कथित ब्लॉक को "शर्म की बात" करार दिया.

गृह मंत्री अमित शाह ने भी पार्टी के आरोपों को दोहराया और ट्वीट किया, "आज की पंजाब में कांग्रेस की बनाई घटना इस बात का ट्रेलर है कि यह पार्टी कैसे सोचती है और काम करती है. लोगों द्वारा बार-बार खारिज किए जाने ने उन्हें पागलपन के रास्ते पर ले लिया है."

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी ओर से पीएम के फिरोजपुर से अचानक वापिस जाने पर खेद व्यक्त किया, लेकिन यह भी कहा, "अगर पीएम ने गुस्से से या राजनीति के कारण कुछ कहा है, तो मैं उस पर टिप्पणी नहीं करूंगा. लेकिन मैं एक बात कहूंगा, आप हमारे पीएम हैं. एक पंजाबी के रूप में मैं आपकी रक्षा के लिए अपनी जान दे दूंगा. लेकिन वहां उनकी (पीएम मोदी की) जान को कोई खतरा नहीं था."

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