PM Narendra Modi Speech in US Congress: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे के तीसरे दिन यूएस कांग्रेस को संबोधित किया. करीब एक घंटे के संबोधन में पीएम मोदी ने कई प्रमुख मुद्दों पर जोर डाला और भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर भी बात की. आइये आपको बताते हैं पीएम मोदी के भाषण की 15 मुख्य बातें
भारतीय अमेरिकी प्रवासी
पीएम मोदी ने भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवासियों का जिक्र किया और US के राजनीतिक वर्ग को भी बताया कि उनकी (NRI) क्या महत्ता है? प्रधानमंत्री ने कहा कि...
"अमेरिका का फाउंडेशन आपके पूरे इतिहास में समान लोगों के राष्ट्र के दृष्टिकोण से प्रेरित था, आप दुनिया भर के लोगों को गले लगाते हैं और आपने उन्हें अमेरिकी सपने में समान भागीदार बनाया है. यहां लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं. उनमें से कुछ इस कक्ष में शान से बैठते हैं और कुछ मेरे पीछे हैं, इन्होंने इतिहास रचा."
राजनीति और ध्रुवीकरण, लेकिन राष्ट्र पहले
पीएम मोदी ने कहा कि भीतर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देशों के राजनीतिक दल को देश के हितों को पहले रखते हुए एक स्वर में बोलना चाहिए.
पीएम ने कहा, "मैं दबाव, अनुनय और नीति की लड़ाई से संबंधित हो सकता हूं. मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं. लेकिन मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आज आप दुनिया के दो महान लोकतंत्रों, भारत और अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं.”
उन्होंने कहा, "घर पर विचारों की प्रतियोगिता होगी और होनी भी चाहिए. लेकिन जब हम अपने राष्ट्र के लिए बोलते हैं तो हमें एक साथ आना भी चाहिए." पीएम के इस बयान को अमेरिका में राहुल गांधी के द्वारा दिए गये बयानों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
'भारत लोकतंत्र की जननी है'
मोदी ने लोकतंत्र के मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने को एक मुद्दा बनाया.
उन्होंने कहा कि...
लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है. यह लंबे समय में विकसित हुआ है और इसने विभिन्न प्रणालियों के रूप ले लिए हैं. हालांकि, पूरे इतिहास में, एक बात स्पष्ट रही है: लोकतंत्र वह भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है. लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है, लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचारों और अभिव्यक्ति को पंख देती है. भारत को प्राचीन काल से ही ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. लोकतांत्रिक भावना के विकास में, भारत लोकतंत्र की जननी है.
उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य और भविष्य को बेहतर दुनिया देंगे.
आजादी के 75 साल
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा, "पिछले साल, भारत ने आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया. हमने किसी न किसी रूप में 1000 साल के विदेशी शासन के बाद आजादी के 75 साल से अधिक की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाया. यह न केवल लोकतंत्र का उत्सव था, बल्कि विविधता का भी, न केवल हमारे संविधान का, बल्कि हमारे सामाजिक सशक्तिकरण की भावना का भी, न केवल हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता और सहकारी संघवाद का, बल्कि हमारी आवश्यक एकता और अखंडता का भी."
विविधता का प्रदर्शन
पीएम मोदी भारत की विविधता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान को प्रदर्शित किया.
2,500 राजनीतिक दलों,22 आधिकारिक भाषाओं, हजारों बोलियों और हर 100 मील पर भोजन में बदलाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “ फिर भी हम एक स्वर में बोलते हैं. हम दुनिया के सभी धर्मों का घर हैं और हम उन सभी का जश्न मनाते हैं, विविधता जीवन का एक प्राकृतिक तरीका है."
पीएम ने कहा, "आज दुनिया भारत के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहती है. मैं पिछले दशक में भारत में अमेरिकी कांग्रेस के 100 से अधिक सदस्यों का स्वागत करने के लिए इस सदन में सम्मान पाने की उत्सुकता देखता हूं. हर कोई भारत के विकास, लोकतंत्र और विविधता को समझना चाहता है. हर कोई जानना चाहता है कि भारत क्या कर रहा है."
महिला सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण को लेकर भी बात की.
उन्होंने कहा, "आज आधुनिक भारत में, महिलाएं हमें बेहतर भविष्य की ओर ले जा रही हैं. आज महिलाएं सेना, नौसेना और वायु सेना में हमारे देश की सेवा कर रही हैं. विश्व में महिला एयरलाइन पायलटों का प्रतिशत भी भारत में सबसे अधिक था और उन्होंने हमारे मंगल दृष्टिकोण का नेतृत्व करके हमें मंगल ग्रह पर पहुंचाया है. मेरा मानना है कि एक लड़की में निवेश करने से पूरे परिवार का उत्थान होता है, महिलाओं को राष्ट्र को बदलने के लिए सशक्त बनाया जाता है."
युवा और तकनीक
देश में तकनीकी क्रांति का नेतृत्व युवा कर रहे हैं. पीएम ने कहा, "युवा पीढ़ी भी भारत को प्रौद्योगिकी का केंद्र बना रही है. उन्होंने कहा, "यदि आप भारत का दौरा करते हैं, तो आप देखेंगे कि सड़क विक्रेताओं सहित हर कोई भुगतान के लिए फोन का उपयोग कर रहा है. पिछले साल, दुनिया में हर 100 रियल टाइम डिजिटल भुगतान में से 46 भारत में हुए."
'पर्यावरण बचाव पर जोर'
उन्होंने कहा, "पृथ्वी हमारी मां है और हम उसकी संतान हैं. भारतीय संस्कृति में, मैं पर्यावरण का गहरा सम्मान करता हूं. भारत अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला एकमात्र G20 देश बन गया.
पीएम ने आगे कहा, "प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. स्थिरता को एक जन आंदोलन बनाना. हमारा दृष्टिकोण ग्रह-समर्थक प्रगति है, हमारा दृष्टिकोण ग्रह-समर्थक समृद्धि है, हमारा दृष्टिकोण ग्रह-समर्थक लोग हैं.
'विश्व एक परिवार है'
योग से लेकर मोटे अनाज तक, टीके से लेकर शांति रक्षक तक-भारत कैसे साझा करने के लिए हमेशा तैयार रहा है. इस पर भी पीएम ने जोर दिया.
हम आपदाओं के दौरान पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में दूसरों तक पहुंचते हैं, जैसा कि हम अपने लिए करते हैं. हम अपने मामूली संसाधनों को उन लोगों के साथ साझा करते हैं, जिन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है. हम क्षमताओं का निर्माण करते हैं, निर्भरता का नहीं.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
भारत और अमेरिका एक-दूसरे के लिए कितना महत्वपूर्ण?
भारत के लिए अमेरिका कितना महत्वपूर्ण है और अमेरिका के लिए भारत, मोदी ने अपने संबोधन के दौरान यह बात कही. उन्होंने अंतरिक्ष, अर्धचालक, खेती, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा और शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मानवीय प्रयासों में एक साथ काम करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, "जब मैं दुनिया के प्रति भारत के दृष्टिकोण के बारे में बोलता हूं, तो संयुक्त राज्य अमेरिका एक विशेष स्थान रखता है. मैं जानता हूं कि हमारे संबंध आप सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस कांग्रेस के प्रत्येक सदस्य की इसमें गहरी रुचि है. जब भारत में रक्षा और एयरोस्पेस बढ़ता है, तो वाशिंगटन, एरिजोना, जॉर्जिया, अलबामा, दक्षिण कैरोलिना और पेंसिल्वेनिया राज्य में उद्योग बढ़ते हैं."
पीएम मोदी ने कहा, "जब अमेरिकी कंपनियां बढ़ती हैं, तो भारत में उनके अनुसंधान और विकास केंद्र भी बढ़ते हैं. जब भारतीय अधिक उड़ान भरते हैं, तो विमानों का एक ऑर्डर अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख से अधिक नौकरियां पैदा करता है."
जब अमेरिकी फोन निर्माता भारत में निवेश करते हैं, तो यह दोनों देशों में नौकरियों और अवसरों का एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है. जब भारत और अमेरिका अर्धचालकों और महत्वपूर्ण खनिजों पर एक साथ काम करते हैं, तो यह आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक विविध, लचीला और विश्वसनीय बनाने में मदद करता है.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
रक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा, “सदी की शुरुआत में हम रक्षा सहयोग में अजनबी थे. अब, संयुक्त राज्य अमेरिका हमारे सबसे महत्वपूर्ण रक्षा साझेदारों में से एक बन गया है."
रूस-यूक्रेन युद्ध
उन्होंने कहा, "रूस-यूक्रेन विवाद की वजह से युद्ध यूरोप में लौट आया है, जिससे क्षेत्र में बहुत दर्द हो रहा है. ग्लोबल साउथ के देश विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत के सम्मान, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है.
पीएम ने कहा, "मैंने सीधे और सार्वजनिक रूप से कहा है, यह युद्ध का युग नहीं है."
उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लिखे अपने शब्दों को याद करते हुए कहा, "लेकिन यह बातचीत और कूटनीति का युग है और हम सभी को रक्तपात और मानव पीड़ा को रोकने के लिए वह सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं."
अमेरिकी धरती पर चीन से मुकाबला
उन्होंने चीन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा, “जबरदस्ती और टकराव के काले बादल इंडो पैसिफिक में अपनी छाया डाल रहे हैं. क्षेत्र की स्थिरता हमारी साझेदारी की केंद्रीय चिंताओं में से एक बन गई है.”
हम एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो पैसिफिक का दृष्टिकोण साझा करते हैं. एक ऐसा क्षेत्र जहां छोटे और बड़े सभी देश अपनी पसंद में स्वतंत्र और निडर हैं. उनकी प्रगति ऋण के असंभव बोझ से नहीं दबती है, जहां रणनीतिक उद्देश्यों के लिए कनेक्टिविटी का लाभ नहीं उठाया जाता है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आतंकवाद का उठाया मुद्दा
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता है और उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए आतंकवाद के प्रायोजक देशों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
उन्होंने कहा कि 9/11 के दो दशक से अधिक और मुंबई में 26/11 के एक दशक से अधिक समय के बाद भी कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है.
मोदी ने कहा, "ये विचारधाराएं नई पहचान और रूप लेती रहती हैं, लेकिन उनके इरादे वही हैं. आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता. हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा."
'हर प्रधानमंत्री ने दोनों के रिश्ते को आगे बढ़ाया'
यह रेखांकित करते हुए कि भारत और अमेरिका अलग-अलग परिस्थितियों और इतिहास से आते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह यात्रा "महान सकारात्मक परिवर्तन" में से एक है.
उन्होंने कहा कि हर भारतीय प्रधान मंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति ने रिश्ते को आगे बढ़ाया है, लेकिन इस पीढ़ी के पास और अधिक ऊंचाई हासिल करने का काम है.
PM ने कहा, "हम एक समान दृष्टिकोण और एक समान नियति से एकजुट हैं. जब हमारी साझेदारी आगे बढ़ती है, आर्थिक लचीलापन बढ़ता है, नवाचार बढ़ता है, विज्ञान फलता-फूलता है, ज्ञान आगे बढ़ता है, मानवता को लाभ होता है. हमारे समुद्र और आसमान सुरक्षित हैं, लोकतंत्र अधिक चमकेगा और दुनिया एक बेहतर जगह होगी. यही हमारी साझेदारी का मिशन है. इस सदी के लिए यही हमारा आह्वान है.”
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