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संसद में PM का बयान:133 मिनट की स्पीच,मणिपुर पर थोड़ा,कांग्रेस पर बहुत बोले मोदी

No Confidence Motion Debate: विपक्ष ने लोकसभा का वाकआउट किया, जिसके कारण ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार (10 अगस्त) को अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर लोकसभा में भाषण दिया. पीएम नरेंद्र मोदी करीब 2 घंटा 13 मिनट तक लोकसभा में बोले और कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लाना, हमारा लिए शुभ होता है. विपक्ष ने तय कर लिया है और अब एनडीए और बीजेपी पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर भारी मत से 2024 में वापस आएंगे.

हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बीच विपक्ष ने लोकसभा से वाकआउट कर दिया, जिसके बाद अंत में ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में क्या कहा?

  • जनता का आभार प्रकट करने के लिए यहां आया हूं.

  • आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से NDA और बीजेपी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए प्रचंड जीत के साथ वापस आएगी.

  • भगवान बहुत दयालु हैं और किसी माध्यम से बोलते हैं. मेरा मानना है कि यह भगवान का आशीर्वाद है कि विपक्ष यह प्रस्ताव लाया है. मैंने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कहा था कि यह हमारे लिए फ्लोर टेस्ट नहीं था बल्कि उनके लिए फ्लोर टेस्ट था और परिणामस्वरूप वे चुनाव हार गए.

  • कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी के लिए थे, उनके कल्याण, भविष्य के साथ जुड़े हुए थे. लेकिन उनको (विपक्ष) इसकी चिंता नहीं है. विपक्ष के आचरण, व्यवहार से सिद्ध हुआ है कि उनके लिए देश से अधिक दल है, देश से बड़ा दल है, देश से पहले प्राथमिकता दल की है. मैं समझता हूं कि गरीब की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख सवार है.

  • एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है. आज मैं देख सकता हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे.

    आपने इस प्रस्ताव पर किस तरह की चर्चा की है. मैं सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि 'आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं.' विपक्ष ने फील्डिंग का आयोजन किया, लेकिन चौके-चक्के यहीं से लगे.

  • हमने भारत की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है लेकिन कुछ लोग हैं जो दुनिया में हमारे देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आज दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ रहा है

  • हमारा ध्यान देश के विकास पर होना चाहिए. यह समय की मांग है. हमारे युवाओं में सपनों को साकार करने की ताकत है. हमने देश के युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, आकांक्षाएं और अवसर दिए हैं..

  • विपक्ष के हमारे साथियों को दिखास की छपास की इच्छा रहती है, लेकिन आप लोग मत भूलिए कि देश आपके शब्द को सुन रहा है. लेकिन हर बार देश को आपने निराशा के सिवा कुछ नहीं दिया है. विपक्ष के रवैये पर मैं कहूंगा, जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं.

  • इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ बातें तो इतनी अजीब हैं कि पहले कभी सुनी-देखी नहीं, कल्पना भी नहीं की. 1999 में वाजयेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. शरद पवार उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने बहस की शुरुआत की. 2003 में अटल की सरकार थी. तब सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थी. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव रखा. 2018 में खड़गे विपक्ष के नेता थे, उन्होंने प्रस्ताव रखा. लेकिन इस बार अधीर बाबू (रंजन) का क्या हाल हो गया. वक्ताओं में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का नाम नहीं. इस बार क्या हो गया अधीर जी (अधीर रंजन चौधरी) का? उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया. यह आपकी उदारता थी कि आपने उन्हें आज बोलने की अनुमति दी, जबकि उनका समय समाप्त हो चुका था. लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना हमसे ये माहिर हैं. मुझे नहीं पता कि आपकी मजबूरी क्या है, अधीर बाबू को क्यों किनारे कर दिया गया है. शायद कोलकाता से फोन आया था, कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है. हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं.

  • इस दौरान हमारे विपक्ष के साथियों ने क्या किया, जब चारों चरफ संभावनाएं ही संभावनाएं हैं, इन्होंने जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश की है.

  • आज भारत की कोई अच्छी बात ये सुन नहीं सकते हैं. आज गरीब के दिल में अपने सपने पूरा करने का भरोसा पैदा हुआ है. आज देश में गरीबी तेजी से घट रही है. नीति आयोग के आंकड़े के मुताबिक, पिछले 5 साल में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं.

  • IMF ने अपने पेपर में लिखा है कि-भारत ने अति गरीबी को करीब-करीब को खत्म कर दिया है.

  • WHO ने कहा- जल जीवन मिशन के जरिए भारत में चार लाख लोगों की जान बच रही है. ये चार लोग हमारे गरीब भाई-बहन हैं.

  • WHO ने रिसर्च करके कहा- आज तीन लाख लोगों की स्वच्छता मिशन से जान बच रही है. ये वही वंचित तबके के लोग हैं.

  • पिछले तीन दिनों से विपक्ष ने डिक्शनरी खोल खोलकर अपशब्द का इस्तेमाल किया, लेकिन अच्छा है उनके मन का गुबार निकल गया होगा, मन हल्का हो गया होगा. ऐसे भी मुझे कोसते रहते हैं, उनका सबसे फेवरेट नारा है मोदी तेरी कब्र खुदेगी.

  • मैं इनकी गालियों का टॉनिक बना लेता हूं.

  • कुछ विपक्षी दलों ने अपने आचरण से यह साबित कर दिया है कि उनके लिए पार्टी राष्ट्र से ऊपर है. मुझे लगता है कि आपको गरीबों की भूख की परवाह नहीं है, लेकिन सत्ता की भूख आपके मन में है.

  • विपक्ष के लोगों को एक रहस्य वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा. ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है. 20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही हो गया.

  • कांग्रेस के शासन में भारत गरीबी और गरीबी को बढ़ाता गया. 1991 में देश कंगाल होने की स्थिती में था. कांग्रेस के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में 10-12 में झूलती रहती थी, लेकिन 2014 के बाद भारत ने टॉप 5 में जगह बना ली है. कांग्रेस को लगता होगा कि जादू से हुआ होगा. लेकिन बता दूं कि रिफॉर्म, प्लानिंग और कठोर परिश्रम से हुआ है.

  • देश का विश्वास मैं शब्दों में प्रकट करना चाहता हूं, देश को विश्वास है जब 2028 में आप जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तब ये भारत दुनिया की टॉप-3 इकोनॉमी में होगा, ये देश का विश्वास है.

  • हमारे विपक्ष के फितरत में ही अविश्वास भरा हुआ है. गांधी जी भी कह गए तो कैसे हो सकता है. तब ये कहते थे कि लाल किला से ऐसी बातें की जाती है क्या. जब जनधन खाता खोला तब भी निराशा वाली बात करते थे. कैसे आएगा पैसा, कहां से आएगा.

  • तीन उदाहरण बताता हूं जब ये हमारा मजाक उड़ाते थे कि बैंकिंग सिस्टम बर्बाद हो जाएगा, विदेश से लोगों को लाते थे, बैंकिंग सिस्टम के खिलाफ निराशा चाहा लेकिन हुआ क्या, हमार पब्लिक सेक्टर बैंक नेट प्रॉफिट से ज्यादा हो गया.

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अपना अब तक का सबसे अधिक राजस्व दर्ज किया. उनके (विपक्ष के) आरोपों के बावजूद HAL देश का गौरव बनकर उभरा है. उन्होंने LIC के बारे में कई बातें कही कि गरीबों का पैसा डूब जाएगा, लेकिन आज LIC मजबूत हो रही है. 'शेयर मार्केट वाले लोगो के लिए ये मंत्र है कि जिस भी सरकारी कंपनी को ये गाली दे हमें दानव लगा दो अच्छा ही होने वाला है.

  • हमने मेक इंडिया की बात की, जहां गए इन लोगों ने मेक इंडिया का मजाक उड़ाया. कांग्रेस पार्टी और उनके दोस्तों का इतिहास रहा है कि उन्हें भारत पर भारत के सामर्थ पर कभी भी भरोसा नहीं रहा है.

  • जब हम कहते हैं कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को अगले 5 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना देंगे, तो एक जिम्मेदार विपक्ष ने सवाल पूछा होगा कि हम यह कैसे करेंगे, लेकिन 'ये भी मुझे ही सिखाना पड़ रहा है'

  • भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास ज्यादा है.

  • मैं सदन को याद दिलाना चाहता हूं कि पाकिस्तान सीमा पर हमले करता था, हमारे यहां आए दिन आतंकवादी भेजा जाता था और उसके बाद पाकिस्तान हाथ ऊपर करके भाग जाता था, कोई जिम्मा लेने को तैयार नहीं होता था, इनका पाकिस्तान पर ऐसा विश्वास था कि आंख बंद कर के मान लेते थे. पाकिस्तान कहता था आतंकी हमले होते रहेंगे और बातचीत भी होती रहेगी, यहां तक कहते थे कि पाकिस्तान कह रहा है तो सही कह रहा होगा.

  • कश्मीर के आम नागरिकों पर विश्वास नहीं करते थे, हुरियत पर विश्वास करते थे, भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक किया. इन्हें (विपक्ष) भारत के सेना पर विश्वास नहीं था.

  • देश के कई हिस्सों में कांग्रेस को जीत हासिल करने में कई दशक लग गए हैं. तमिलनाडु में आखिरी बार 1962 में जीत हासिल हुई थी. तमिलनाडु के लोग कह रहे हैं 61 साल से कांग्रेस 'नो कॉन्फिडेंस'.

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कांग्रेस और 'INDIA' पर क्या बोले पीएम मोदी?

  • उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात के लोगों ने कांग्रेस को कहा है 'नो कॉन्फिडेंस'.

  • 35 साल से त्रिपुरा के लोग कह रहे हैं कांग्रेस 'नो कॉन्फिडेंस'.

  • 28 साल से ओडिशा के लोग कांग्रेस को कह रहे हैं कि कांग्रेस 'नो कॉन्फिडेंस'.

  • नागालैंड में कांग्रेस की आखिरी जीत 1988 में हुई थी, यहां के लोग भी 25 सालों से कह रहे हैं कांग्रेस 'नो कॉन्फिडेंस'

  • दिल्ली, आंध्रप्रदेश और बंगाल में एक भी विधायक खाते में नहीं है.

  • उनकी परेशानी ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए उन्हें NDA का सहारा लेना पड़ा. लेकिन आदतन 'मैं' (I) का अहंकार उन्हें अकेला नहीं छोड़ता. इसीलिए उन्होंने NDA में अहंकार के दो 'आई' (I) डाल दिए. पहला 'मैं' (I)- 26 पार्टियों का अहंकार और दूसरा 'मैं'- एक परिवार का अहंकार. उन्होंने NDA भी चुरा लिया. उन्होंने भारत के भी टुकड़े कर दिये- I.N.D.I.A.

  • जरा डीएमके वाले सुन लें, कांग्रेस के लोग सुन लें. यूपीए को लगता है देश का नाम का इस्तेमाल कर के अपनी विश्वसनीयता बढाना चाहते हैं.

  • नाम को लेकर जो मोह है न वो आज का नहीं है, ये दशकों पुराना चशमा है. इन्हें लगता है नाम बदलकर देश पर राज कर लेंगे, गरीब को चारों तरफ उनका नाम तो नजर आता है लेकिन काम नजर नहीं आता है, अस्पतालों में नाम है लेकिन काम नहीं.

  • इनको (विपक्ष) भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है. इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है. लेकिन इस सदन को बताना चाहता हूं कि इस देश का भी, भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है. कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर हो गई है कि उसे जमीन नहीं दिखाई दे रही है.

  • मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. कुछ ही दिन पहले बंगलुरू में आपने मिल-जुलकर करीब 1.5-2 दशक पुराने UPA का क्रिया कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है. लोकतांत्रित व्यवहार की मुताबिक मुझे आप लोगों को सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी.

  • मैंने संवेदना व्यक्त नहीं की क्योंकि आप लोग जश्न मना रहे थे. जश्न क्यों मना रहे थे क्योंकि आप लोग खंडहर पर प्लास्टर लगा रहे थे. दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को EV दिखाने के लिए कितना बड़ा मजबा लगाया था. आप (विपक्ष) जिसके पीछे चल रहे हैं उनको इस देश की ज़ुबान, इस देश के संस्कार की समझ नहीं है. पीड़ी दर पीड़ी यह लोग लाल और हरी मिर्च में अंतर नहीं समझ पाए.

  • कांग्रेस की पहचान से जुड़ी कोई चीज उनकी अपनी नहीं है, चुनाव चिन्ह् से लेकर विचारों तक सब कुछ कांग्रेस अपना होने का दावा करती है, वो सब किसी और से लिया हुआ है.

    अपनी कमियों को ढकने के लिए चुनाव चिन्ह और विचारों को चुरा लिया, फिर भी जो बदलाव हुए, उसमें पार्टी का घमंड ही दिखता है.

  • 2014 से वो किस तरह नकारने के मोड में हैं. पार्टी के संस्थापक कौन, ए ओ ह्यूम एक विदेशी थे.

  • वोटरों को बुलाने के लिए गांधी नाम भी चुरा लिया. कांग्रेस का चुनाव चिन्ह देखिए, दो बैल, गाय बछड़ा, हाथ का पंजा. ये सारे उनके कारनामे हैं.

  • ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन है, और इसकी बारात में सबको दूल्हा बनना है. इसमें सबको प्रधानमंत्री बनना है. इस गठबंधन ने ये भी नहीं सोचा है कि किसके साथ कहां पहुंचे हैं.

  • जब भी परिस्थितियां बदलेंगी, विपक्षी गठबंधन में छुरियां निकल आएंगी.

  • हमारे संविधान निर्माताओं ने वंशवादी राजनीति की आलोचना की थी क्योंकि यह आम लोगों के अधिकारों के लिए हानिकारक है.

  • जब आपके (विपक्षी) गठबंधन में ऐसे लोग हैं जो अपने ही देश के अस्तित्व को नकारते हैं, तो आपको आत्ममंथन करना चाहिए कि आप कहां तक जाएंगे.

  • वे (विपक्ष) बाहर से अपना लेबल बदल सकते हैं लेकिन उनके पुराने पापों का क्या जो पतन का कारण बनेंगे.

  • कांग्रेस को 'परिवारवाद', 'दरबारवाद' पसंद है; दरबार प्रणाली ने बी आर अंबेडकर, जगजीवन राम, चंद्र शेखर जैसे दिग्गजों के अधिकार छीन लिए.

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जम्मू-कश्मीर, आतंकवाद और विपक्ष पर पीएम का बयान

  • कश्मीर आतंकवाद से जल रहा था. कांग्रेस को कश्मीर के लोगों पर भरोसा नहीं था, लेकिन उन्हें हुर्रियत, अलगाववादियों और उन लोगों पर भरोसा था जो पाकिस्तान का झंडा लेकर चलते थे. भारत ने आतंक पर सर्जिकल स्ट्राइक की, उन्हें भारतीय सेना पर भरोसा नहीं था.

  • यह सच है कि लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, यह उसके (रावण) अहंकार द्वारा जलाई गई थी. लोग भी भगवान राम की तरह हैं और यही कारण है कि आप 400 से घटकर 40 पर आ गए हैं. लोगों ने दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी लेकिन आपको तकलीफ हो रही है कि एक गरीब आदमी यहां (पीएम) कैसे बैठा है और यह आपको सोने नहीं दे रहा है और देश की जनता आपको 2024 में भी सोने नहीं देगी. एक समय था जब जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटा जाता था, लेकिन आज उन हवाई जहाजों में गरीबों के लिए टीके भेजे जा रहे हैं.

  • कल यहां (लोक सभा में) दिल से बात करने की बात भी कही गई थी. उनके (राहुल गांधी) दिमाग के हाल को तो एक लंबे समय से जानता हूं. अब उनके दिल का भी पता चल गया.

  • यह 'घमंडिया' गठबंधन दो अंकों की मुद्रास्फीति, भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता, अस्थिरता, तुष्टीकरण, वंशवाद, बेरोजगारी, हिंसा और आतंकवाद की गारंटी है. यह मोदी की गारंटी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल में, दुनिया में भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.

  • जिन लोगों ने अपने पैर जमीन पर नहीं रखे, गरीबी नहीं देखी, उन्हें अब यहां सब कुछ असामान्य लग रहा है और वे नित नई दुकानें खोल रहे हैं.

  • सदन के नेता के नाते मैंने 2018 में उन्हें (विपक्ष को) एक काम दिया था कि 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं, और उन्होंने मेरी बात मानी. लेकिन मैं दुखी हूं, 5 साल में उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था. लेकिन कोई तैयारी नहीं थी, कोई नवीनता नहीं थी, कोई रचनात्मकता नहीं थी. मैं आपको 2028 के लिए एक और मौका दूंगा. लेकिन मैं उनसे आग्रह करता हूं कि जब वे 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे, तो वे तैयार होकर आएं.

अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया.
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मणिपुर पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी?

  • हमने कहा आओ मणिपुर पर चर्चा करो, लेकिन साहस नहीं था, इरादा नहीं था. सर फोड़ रहे थे, दर्द पेट में था.

  • मणिपुर में अदालत के एक फैसला आया, अदालतों में क्या हो रहा है हम जानते हैं, अब उसके पक्ष विपक्ष में जो हालात बने, उससे हिंसा का दौर शुरू हो गया. महिलाओं के साथ गंभीर अपराध और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार भरपूर प्रयास कर रही है, मैं देश के सभी नारगिकों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, निकट भविष्य में शांति का सूरज निकलेगा.

  • आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले इसके लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं. मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल होगी. मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों को बताना चाहता हूं कि देश आपके साथ है

  • हम सब मिलकर के इस चुनौती का रास्ता निकालेंगे. मैं मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं, मणिपुर फिर से प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़े इसमें कोई कमी नहीं रहेगी.

  • इस सदन में 'मां भारतीय' के बारे में जो कहा गया है उसने हर भारतीय को ठेंस पहुंचाई है.

  • ये वो लोग हैं जो कभी लोकतंत्र की हत्या और संविधान की हत्या की बात करते हैं.

  • मैं हैरान हूं, ये बोलने वाले कौन लोग हैं, ये देश भूल गया है. 14 अगस्त विभाजन का दिन, पीड़ादायक दिन. ये वो लोग जिन्हों ने मां भारतीय के तीन टुकड़े कर दिए.

  • ये वो लोग हैं जो भारत तेरे टुकड़े होंगे, ये गैंग, ये नारा देने वाले के साथ पहुंच चाहते हैं.

  • वे राजनीति के दायरे से बाहर आकर न देश के लिए सोच सकते हैं, न मानवता के लिए सोच सकते हैं.

  • मणिपुर में जो सरकार है वो पिछले 6 साल से समाधान खोज रही है.

  • शांति स्थापना के लिए हर एक को साथ लेकर चलने के लिए कोशिश हो रही है और आगे भी होगा.

  • जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के अनुरूप होता था तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? मणिपुर में किसकी सरकार थी जब सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी की तस्वीर को अनुमति नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था? जब मणिपुर में मंदिर में शाम में घंटी नहीं बजने दी जाती थी, सेना को पहरा देना चाहिए था, तब सरकार किसकी थी. उनका (विपक्ष) दर्द चयनात्मक है. वे राजनीति से परे सोच ही नहीं पाते

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नॉर्थ ईस्ट पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी?

  • तीन प्रसंग बताना चाहता हूं. पहली घटना- 5 मार्च 1966- इस दिन कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायु सेना के माध्यम से हमला करवाया था. गंभीर विवाद हुआ था. क्या मिजोरम के लोग मेरे देश के नागरिक नहीं थे क्या. क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? आज भी पांच मार्च को मिजोरम शोक मनाता है. कांग्रेस ने इस सच को देश के सामने छिपाया है. उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी. नॉर्थ ईस्ट में अकाल तख्त पर हमला करने पहुंचे. वहां के लोगों के विश्वास की हत्या की है.

  • जरा उन लोगों से पूछें जो बाहर गए हैं, कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? डीएमके सरकार, उनके सीएम ने मुझे लिखा है - मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ. यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दिया. क्या यह नहीं था मां भारती का हिस्सा? ये सब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ.

  • दूसरी घटना, 1962 का खौफनाक रेडियो प्रसारण, आज भी शूल की तरह नॉर्थ ईस्ट के लोगों को चुभ रहा है. पंडित नेहरू ने, जब देश के ऊपर चीन का हमला चल रहा था, ऐसे समय में पंडित नेहरू ने रेडियो पर कहा था 'माय हार्ट गोज आउट ऑफ असम'.

  • मेरे मंत्री 400 बार गए हैं, मैं खुद 50 बार गया हूं. ये आंकड़ा नहीं है, ये साधना है, नॉर्थ ईस्ट के प्रति समर्पण है.

  • मैं पिछले 9 साल के प्रयासों से कहता हूं, हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है.

  • नॉर्थ ईस्ट के समस्याओं की जननी कांग्रेस है. नॉर्थ ईस्ट के लोग नहीं कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार है.

  • कांग्रेस के शासन में ऐसा महान हमारा भूभाग अलगाव की आग की बलि चढ़ गया.

  • हर व्यवस्था उग्रवादी संगठन की मर्जी से चलती थी और उस समय कांग्रेस की सरकार थी.

  • आपने (कांग्रेस) कभी पूर्वोत्तर की भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं की.' मैंने 50 बार (पूर्वोत्तर) का दौरा किया है. ये सिर्फ एक डेटा नहीं है, ये पूर्वोत्तर के प्रति समर्पण है.

  • कांग्रेस की कार्यप्रणाली राजनीति और चुनाव के इर्द-गिर्द घूमती है. एक या दो सीटों वाले क्षेत्र उन्हें स्वीकार्य नहीं थे, उन्होंने उन क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया. कम सीटों वाले क्षेत्रों के साथ सौतेला व्यवहार कांग्रेस के डीएनए में रहा है.

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कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ लाई अविश्वास प्रस्ताव

दरअसल, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जिस पर सोमवार (8 अगस्त) से चर्चा शुरू हुई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार (9 अगस्त) को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बयान दिया, इस दौरान कांग्रेस नेता ने मणिपुर, नूंह हिंसा सहित कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा.

राहुल गांधी ने कहा कि, "मणिपुर को आपने दो भागों में बांट दिया है. आपने उसको तोड़ दिया है. मैं मणिपुर के रिलीफ कैंप में गया. वहां, महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की. जो हमारे प्रधानमंत्री जी ने नहीं किया."

अमित शाह ने दिया जवाब

इसके बाद मंगलवार (9 अगस्त) को लोकसभा में केंद्र सरकार की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. उन्होंने मणिपुर हिंसा, अविश्वास प्रस्ताव, जम्मू-कश्मीर, आतंकवाद, आंतरिक सुरक्षा, सरकार के कामकाज, महाराष्ट्र पॉलिटिक्स सहित तमाम मुद्दों पर केंद्र का पक्ष सदन में रखा.

शाह ने कहा कि मणिपुर में विवाद शांत करने के लिए केंद्र प्रतिबद्ध. केंद्र सरकार ने कई बड़े और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. राज्य के डीजीपी, मुख्य सचिव, सुरक्षा सलाहाकार को बदल दिया गया. दो महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी लगातार मणिपुर स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय करीब 23 दिन वहां कैंप कर के आए हैं. राज्य के सीएम केंद्र का सहयोग कर रहे हैं. फिर क्यों वहां अनुच्छेद 356 लगाया जाये और मुख्यमंत्री को बदला जाये.

1963 में पहली बार लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव

जानकारी के अनुसार, 1963 में पहली बार जवाहरलाल नेहरू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. तब से लेकर अबतक संसद में 28 अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं. पिछली बार 20 जुलाई 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें मोदी सरकार की जीत हुई थी.

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