आजादी की सालगिरह पर लालकिले से पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण वैसा ही धारदार रहा, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. उन्होंने केंद्र की सत्ता संभालने के बाद अब तक के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया. समाज के हर वर्ग को जोड़ने की बात कही. आंकड़ों के जरिए आर्थिक तरक्की के सपने दिखाए. भ्रष्टाचार और कालेधन से निपटने का संकल्प दोहराया. लेकिन इस बार उनका भाषण कई मायने में बेहद खास रहा.
आगे हम पीएम मोदी के भाषण की खास-खास बातों और उनके मायने की चर्चा कर रहे हैं:
1. धर्म से अटूट नाता
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही लोगों को स्वतंत्रता दिवस के साथ जन्माष्टमी की भी बधाई दी. सुदर्शन चक्रधारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक का जिक्र कर यह जता दिया कि विकास के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए न तो हम आजादी के आंदोलन के अगुवा को भूलेंगे, न ही धर्म और अध्यात्म की विरासत को भूलेंगे.
सामूहिकता की ताकत बताते हुए उन्होंने श्रीकृष्ण, गोवर्धन पर्वत, राम, रामसेतु और गिलहरी की कहानी का भी जिक्र किया. कुरुक्षेत्र के मैदान और गीता के दर्शन का जिक्र इस बार भी हुआ. वे पहले भी बड़े मौकों पर ऐसा करते रहे हैं.
जाहिर है, पीएम मोदी ने इस बड़े मौके पर देशवासियों को यह याद दिला दी कि हम तरक्की करेंगे, लेकिन धर्म और अध्यात्म के पन्नों से सबक लेने में नहीं हिचकेंगे.
2. गोरखपुर अस्पताल की घटना का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत के बाद गोरखपुर के अस्पताल में मासूमों की मौत पर दुख जताने में देर नहीं लगाई. पूरा देश ये सुनना चाह रहा था कि इस भयंकर त्रासदी पर वे क्या बोलते हैं.
उन्होंने जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा और संकटों के जिक्र के दौरान ही गोरखपुर की घटना पर दुख जताया और ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.
3. समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की चाह
पीएम मोदी ने जता दिया कि वे किसी खास वर्ग को लुभाने की जगह समाज के हर वर्ग को जोड़ने के मिशन पर हैं. 'समाज में न कोई छोटा है, न बड़ा' कहकर उन्होंने सामजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग के दिल पर मरहम लगाने की कोशिश की.
न्यू इंडिया का संकल्प सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जहां सभी के लिए समान अवसर मौजूद हों. सामूहिकता की ताकत बताते हुए उन्होंने रामसेतु और गिलहरी का भी जिक्र किया.
4. नए और युवा वोटरों पर पैनी नजर
प्रधानमंत्री ने आने वाले नए साल 2018 को इस सदी का निर्णायक साल बताया. उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी की शुरुआत में जन्मे नौजवान 1 जनवरी, 2018 को 18 साल के हो जाएंगे और भारत के भाग्यविधाता बनेंगे.
नए वोटरों का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने उन्हें देश की तरक्की में भागीदार बनने को कहा. साफ है कि इन नए वोटरों को अपने साथ जोड़ने में वे देर नहीं लगाना चाहते हैं.
5. पाकिस्तान और चीन पर इशारों में बात
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में न तो पाकिस्तान का नाम लिया, न ही चीन का. इसके बावजूद उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र थोड़े साफ तरीके से, लेकिन चीन के साथ तनाव का जिक्र ढके तरीके से किया. भाषण में सेना का मनोबल बढ़ाने के दौरान ही उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइल का जिक्र करते हुए कहा कि इसका लोहा पूरी दुनिया ने माना है.
पीएम ने कहा कि हमारे देश की प्राथमिकता आंतरिक सुरक्षा है. ऐसा कहकर उन्होंने चीन को यह संदेश देने की कोशिश की कि भारत चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों से कतई चिंतित नहीं है. साथ ही देश चीन के मुद्दे पर किसी भी तरह के बड़बोलेपन से बचना चाहता है.
'देश के खिलाफ अगर कुछ भी हो, तो उसके लिए हम ताकत रखते हैं' कहकर उन्होंने यह भी समझा दिया कि अगर कोई अप्रिय स्थिति पैदा होती है, तो देश उसके लिए तैयार है.
6. भ्रष्टाचार और कालेधन पर खुलकर प्रहार
भाषण में प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और कालेधन पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान बेहद कम समय में 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी संपत्ति जब्त की गई. ये भी कहा कि गरीबों को लूटने वाले चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि 3 लाख शेल कंपनियों का खुलासा हुआ, जो हवाला कारोबार में लगे हुए थे. ऐसी करीब 2 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द हुआ और इन पर ताला लगाया गया. ये भी बताया कि किस तरह एक ही पते पर 400 कंपनियां चल रही थीं.
पीएम ने बताया कि देश में 3 साल में सवा लाख करोड़ का कालाधन सामने आया है.
ऐसा कहकर पीएम ने उन लोगों का मुंह बंद करने की कोशिश की है, जो अक्सर ये पूछते हैं कि कालेधन का क्या हुआ. इन शेल कंपनियों का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी बता दिया अब तक ऐसी कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती थी, लेकिन अब नए माहौल में देश के नौजवानों को फायदा होगा.
7. नोटबंदी और डिजिटल इंडिया
भाषण की एक बड़ी बात यह रही कि पीएम ने नोटबंदी के बाद सिस्टम में आई रकम के बारे में जानकारी दी, जो पहले दबा पड़ा था. हालांकि अब तक रिजर्व बैंक भी इस तरह की कोई जानकारी देने में खुद को असमर्थ बताता रहा है.
मोदी ने एक्सपर्ट के आकलन का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद 3 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस आया, जो पहले कालेधन के रूप में दबा पड़ा था. साथ ही ये भी बताया कि 2 लाख करोड़ रुपये अभी शक के दायरे में हैं.
‘डिजिटल इंडिया’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में पिछले साल की तुलना में डिजिटल लेन-देन में 38 फीसदी बढ़ोतरी हुई. मजे की बात तो यह कि उन्होंने भीम ऐप को भी ‘दुनिया के लिए अजूबा’ करार दे दिया.
8. GST की कामयाबी का जिक्र
मोदी ने देश में GST लागू होने पर अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि इस टैक्स रिफॉर्म के आने से पूरी दुनिया चकित है. दुनिया जानना चाह रही है कि आखिर भारत ने इतने कम वक्त में कैसे इसे लागू कर दिया. उन्होंने कहा कि इस सुधार से देश को ताकत मिली है.
9. कश्मीर के लिए 'नया नारा'
जम्मू-कश्मीर में अमन बहाली के लिए पीएम मोदी ने कोई नया प्लान तो पेश नहीं किया, पर 'मुट्ठीभर अलगाववादियों' को कड़ी चेतावनी जरूर दे दी. साथ ही कश्मीरियों को दिल जीतने के लिए उन्होंने एक नया नारा गढ़ते हुए कहा:
न गाली, न गोली से, परिवर्तन होगा हर कश्मीरी को गले लगाने से.
पीएम ने कहा कि कश्मीर दोबारा स्वर्ग बने, सरकार अपनी ओर से इसकी पूरी कोशिश करेगी.
10. किसानों का दिल बहलाने की कोशिश
लालबहादुर शास्त्री के जय जवान, जय किसान के नारे दोहराने के साथ पीएम ने कहा कि देश का किसान रिकॉर्ड फसल का उत्पादन कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर किसानों को खेत में पानी मिले, तो वह मिट्टी से सोना उपजाने की ताकत रखता है. आगे का प्लान पेश करते हुए कहा उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2019 तक हर खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
सरकार की ओर से 16 लाख टन दाल की खरीद का जिक्र करते हुए उन्होंने जता दिया कि सरकार किसानों के हित को नजरअंदाज नहीं कर सकती.
प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक बार फिर दोहराया कि किसान 2022 तक दोगुना कमाएगा. नया नारा ये दिया, ‘देश का किसान चिंता में नहीं, चैन से सोएगा’.
11. 'ट्रिपल तलाक' बड़ा मुद्दा है
प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से ट्रिपल तलाक की बात छेड़कर यह जता दिया कि आने वाले दौर में भी ये एक बड़ा मुद्दा बनेगा. उन्होंने कहा कि तीन तलाक से पीड़ित बहनों ने देश में एक आंदोलन खड़ा किया, जिसे बुद्धिजीवी वर्ग और मीडिया का भी समर्थन मिला.
मोदी ने एक कदम आगे बढ़कर इस मुहिम का समर्थन करने वालों का हृदय से अभिनंदन किया. साथ ही ऐसी महिलाओं को ये भरोसा भी दिलाया कि उनकी इस लड़ाई में हिंदुस्तान मदद करेगा.
12. राज्यों से संबंध सुधारने पर फोकस
पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि वे देश की विकास यात्रा में राज्यों की सक्रिय भागीदारी चाहते हैं और उन्हें साथ लेकर ही चलना चाहते हैं. उन्होंने केंद्र-राज्य के बीच पहले होते रहे टकरावों और हाल के दौरान किए गए सुधारों का जिक्र किया. राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही. साफ शब्दों में बताया कि देश के विकास में मुख्यमंत्रियों का बहुत महत्व होता है.
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