प्रधानमंत्री मोदी ने महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी से बात कर कुंभ को आगे प्रतीकात्मक रखने की अपील की है. बता दें हरिद्वार में जारी कुंभ में कई साधु-संत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि भी शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर बताया कि उन्होंने फोन पर अवधेशानंद का हालचाल जाना.
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से फोन पर बात की. सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना. सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं. मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया. मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी."
कुंभ स्नान में 50 लाख लोगों ने लिया हिस्सा
बता दें हरिद्वार में चल रहे कुंभ से बड़े पैमाने पर साधु-संतों और आम लोगों के कोरोना संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं. नरसिंह मंदिर के प्रमुख महामंडलेश्वर स्वामी श्यामदेव देवाचार्य भी कुंभ में कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिनका बाद में जबलपुर में निधन हो गया. अ
12, 13 और 14 अप्रैल को मिलाकर कुंभ में 50 लाख लोगों ने स्नान किया था. आशंका जताई जा रही है कि कुंभ स्नान कोरोना का बड़ा "स्प्रैडर इवेंट" हो सकता है, क्योंकि यह सारे लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में वापस गए हैं.
कुंभ के समापन पर अखाड़ों में तकरार
इस बीच कई अखाड़ों ने भी कुंभ से हटने का निर्णय लिया है. आनंदी अखाड़े ने 17 अप्रैल को कुंभ के समापन की घोषणा की है. वहीं निरंजनी अखाड़े ने भी अपनी छावनियों को 17 अप्रैल तक खाली करने का ऐलान किया है. इसके अलावा दूसरे अखाड़ों ने भी कोविड से जुड़ी सावधानियां बरतने की अपील की है.
वहीं कुछ अखाड़ों ने कुंभ मेला के समापन की बात पर नाराजगी भी जताई है. तीन बैरागी अणि अखाड़ों ने इस पर आपत्ति जताई है.
उन्होंने इसे अखाड़ा परिषद की कुव्यवस्था करार दिया है. बैरागी अखाड़ों का कहना है कि निरंजनी और आनंद अखाड़े माफी मांगे, ऐसा ना करने की स्थिति में बैरागी अखाड़ों ने इनसे नाता तोड़ने की धमकी दी है.
बता दें इससे पहले मेलाधिकारी हरिद्वार कुंभ, दीपक रावत ने कहा था कि प्रशासन ने 30 अप्रैल तक के लिए सारी व्यवस्थाएं की हैं.
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