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PM Vishwakarma और PM-eBus Sewa योजना को मंजूरी: किसे मिलेगा लाभ, क्या है लक्ष्य?

PM मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पीएम विश्वकर्मा और पीएम-ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दी

Published
भारत
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 16 अगस्त को दो नई केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं- पीएम विश्वकर्मा और पीएम-ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार, 15 अगस्त को लाल किले से संबोधन में, युवाओं के बीच कौशल विकास में मदद करने के लिए विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Yojna) की घोषणा की थी.

आइये समझते हैं कि ये दोनों योजनाएं क्या हैं और इनका लक्ष्य क्या है?

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PM Vishwakarma Yojna

पीएम मोदी ने क्या कहा था? पीएम मोदी ने लाल किला से इस योजना में बारे में जिक्र करते हुए कहा, "विश्वकर्मा योजना', पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है. आने वाले दिनों में, हम विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर एक योजना शुरू करेंगे, जिससे पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों, विशेष रूप से ओबीसी समुदाय को लाभ होगा. बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों, नाई और ऐसे परिवारों को 'विश्वकर्मा योजना' के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा, जो लगभग ₹13,000 करोड़-₹15,000 करोड़ के आवंटन के साथ शुरू होगी.''

क्या होगी योजना ?

बुधवार, 16 अगस्त को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुआ कहा कि इस योजना से 30 लाख कारीगरों और उनके परिवारों को रियायती ब्याज दर पर बिना गारंटी का लोन (collateral-free loan) मिलेगा. उन्होंने कहा कि 2028 तक पांच साल की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रुपये की यह योजना पहली बार में 18 पारंपरिक व्यापारों को कवर करेगी.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ? "पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र, आईडी कार्ड, पहली किश्त में ₹1 लाख और दूसरी किश्त में ₹2 लाख तक की रियायती ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा. केंद्र ने एक बयान में कहा, यह योजना कौशल बढ़ाने, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग में सहायता प्रदान करेगी."

किन लोगों को मिलेगा लाभ ? "पीएम विश्वकर्मा" के तहत लाभार्थियों में बढ़ई, नाव निर्माता, लोहार, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची और राजमिस्त्री शामिल होंगे.

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PM-eBus Sewa

प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैठक में सीसीईए ने "पीएम-ईबस सेवा" को भी हरी झंडी दी है. जिसके तहत देश के बेड़े में 10,000 ई-बसें जोड़ी जाएंगी और इस योजना के संचालन को 10 साल तक समर्थन दिया जाएगा. अनुराग ठाकुर ने कहा, "169 शहरों में 10,000 ई-बसें तैनात की जाएंगी और ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत 181 शहरों में बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा."

"कैबिनेट ने निजी-सार्वजनिक भागीदारी मॉडल पर 10,000 ई-बसों द्वारा सिटी बस संचालन को बढ़ाने के लिए "पीएम-ईबस सेवा" को मंजूरी दे दी है. इस योजना की अनुमानित लागत ₹ 57,613 करोड़ होगी, जिसमें से ₹ 20,000 करोड़ केंद्र सरकार देगी."
अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह योजना सिटी बस संचालन में लगभग 10,000 बसों की तैनाती के माध्यम से 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगी.

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