बिहार पुलिस ने 49 हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह के तहत दर्ज मामला बंद करने का आदेश दिया है. इन हस्तियों ने देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी. बिहार के मुजफ्फरपुर में वकील सुधीर कुमार ओझा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.
आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत न मिलने के बाद मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार सिन्हा ने केस बंद करने का आदेश दिया. जांच में पता लगा है कि ये आरोप शरारत के तहत लगाए गए हैं.
श्याम बेनेगल, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, सौमित्र चटर्जी, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और शुभा मुद्गल समेत 49 मशहूर हस्तियों ने इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी था. अपनी चिट्ठी में सभी ने कहा था कि मुस्लिमों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग को तुरंत रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाए. इसके साथ ही लिखा गया था कि असहमति के बगैर लोकतंत्र की कल्पना मुश्किल है.
वकील सुधीर कुमार ओझा ने 27 जुलाई को कोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में ओझा ने हस्तियों पर आरोप लगाया है कि असिहष्णुता को लेकर पीएम की चिट्ठी के बारे में मीडिया में बताकर उन्होंने देश का नाम खराब किया है.
FIR के बाद 180 हस्तियों ने किया था समर्थन
एक्टर नसीरुद्दीन शाह, इतिहासकार रोमिला थापर, एक्टिविस्ट हर्ष मंदर समेत करीब 180 हस्तियों ने 49 सेलिब्रिटीज के खिलाफ राजद्रोह के तहत दर्ज FIR की निंदा करते हुए उनके लिखे गए लेटर का समर्थन किया था. 180 हस्तियों ने एक लेटर जारी किया है, जिसमें लिखा है, 'इंडियन कल्चरल कम्युनिटी के सदस्यों के तौर पर, हम इसकी निंदा करते हैं. हम हमारे कलीग्स के पीएम मोदी को संबोधित लेटर के हर शब्द का समर्थन करते हैं. इसलिए हम इस लेटर को एक बार फिर शेयर कर रहे हैं.’
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