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शिवसेना के लिए क्यों खास है शिवाजी पार्क, जहां उद्धव लेंगे शपथ

साल 1927 तक माहिम पार्क के नाम से जाना जाता था आज का शिवाजी पार्क

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मुंबई के दादर में स्थित शिवाजी पार्क बीते पांच दशक के दौरान शिवसेना की राजनीति का केंद्र रहा है. यह मैदान 1966 में भगवा दल की पहली रैली से लेकर पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार और 1995 में पार्टी की ओर से पहले मुख्यमंत्री बने मनोहर जोशी के शपथ ग्रहण तक का गवाह रहा है.

अब इसी मैदान में गुरुवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. यह मैदान शहर के सामाजिक ताने बाने का हिस्सा रहा है.

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ठाकरे परिवार की चार पीढ़ियों का इस मैदान से रिश्ता

इस मैदान ने ठाकरे परिवार की चार पीढ़ियों के जरिए शिवसेना का उदय देखा है. इन चार पीढ़ियों में केशव जिन्हें प्रबोधनकार (सामाजिक सुधारक) नाम से जाना जाता है, उनके बेटे बाल ठाकरे, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे और आदित्य शामिल हैं.

दादर-वडाला-माटुंगा-सायन-माहिम शहर योजना के तहत परिकल्पित 28 एकड़ में फैला खेल का मैदान 1925-26 में दादर में पहली बार अस्तित्व में आया था.

शिवाजी पार्क इलाके में 80 साल से रह रहे अशोक रावत ने बताया कि 1927 में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी की जयंती पर इसका नाम शिवाजी पार्क रखा गया था.

सचिन तेंदुलकर का भी है शिवाजी पार्क से कनेक्शन

इस मैदान में खेल से संबंधित कई कार्यक्रम होते हैं, जिनमें क्रिकेट और फुटबॉल, मलखंब और खोखो जैसे खेल शामिल हैं. इसी मैदान में खेल कर दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली बड़े हुए हैं.

शिवाजी पार्क को लेकर क्या कहते हैं जानकार?

‘द कज़िन्स ठाकरे: उद्धव, राज एंड शैडो ऑफ देयर सेनाज़’ के लेखक धवल कुलकर्णी ने बताया कि इस मैदान में स्वतंत्र आंदोलनों की बैठकें भी होती थी और यह 1960 के दशक में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर चलाया गया संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन का भी गवाह बना.

‘जय महाराष्ट्र- हा शिवसेना नवचा इतिहास आहे’ (शिवसेना का इतिहास) के लेखक वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश अकोलकर ने बताया-

अक्टूबर 1966 में जब बाल ठाकरे ने पहली रैली शिवाजी पार्क में संबोधित की थी, तब परिवार इस बात को लेकर आशंकित था कि क्या भीड़ आएगी?
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शिवाजी पार्क में ही हुआ था बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार

इसी मैदान में बाल ठाकरे दशहरा रैली को संबोधित करते थे और अब उनके बेटे संबोधित करते हैं. यह मैदान पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के लिए आस्था का केंद्र है.

बाल ठाकरे के निधन के बाद इसी मैदान में लाखों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया था.

दिलचस्प है कि उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की पहली रैली भी शिवाजी पार्क में की थी.

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