मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन करने के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियों ने इसकी आलोचना की तो वहीं मोदी सरकार के कुछ धुर विरोधियों ने इसकी तारीफ भी की है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार सुबह देश में 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले पर विरोध जताया है. राहुल ने कहा कि वो देश के प्रधानमंंत्री से एक सवाल पूछना चाहते हैं कि कैसे 500 और 1000 के नोट पर बैन लगाने से लोग काला धन रखना बंद कर देंगे.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया . ममता ने ट्वीट करके कहा कि सरकार को कठोर फैसले को तुरंत वापस ले लेना चाहिए. केजरीवाल ने ममता के ट्वीट को रीट्वीट कर विरोध जताया है.
आम आदमी पार्टी ने पीएम मोदी के इस कदम को पूरी तरह से तुगलकी फरमान करार दिया है. पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार इस कदम से काले धन के कारोबार को बढ़ा रही है और रोज कमाने खाने वाले आम आदमी के लिए दिक्कतें बढ़ा रही हैं.
नीतीश ने किया समर्थन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोदी सरकार के फैसले के साथ खडे़ हैं. नीतीश ने एक बयान में कहा, सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. यह भी कहा कि शुरू में लोगों को थोड़ी दिक्कत होगी लेकिन कुछ समय बाद देश को फायदा होगा.
शरद पवार ने भी भरी हामी
शरद पवार ने भी ट्वीट करके सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा सरकार के इस कदम से कालाधन पर लगाम लगेगी और आतंकी गतिविधियों पर रोक लगेगी.
पीएम मोदी ने इस नई योजना का ऐलान करने के बाद यह भी कहा था कि सरकार गरीबों के साथ है और ईमानदार लोगों के हित का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
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