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नेताजी पर नेतागिरी स्पर्धा?मोदी का ‘पराक्रम दिवस’,ममता की पदयात्रा

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारी के लिए तमाम नेताओं को मैदान में उतार दिया है

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आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है. इस मौके पर पीएम मोदी कोलकाता दौरे पर हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी रैली करने वाली हैं. पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव भी हैं तो तमाम राजनीतिक पार्टियां भी नेताजी के नाम पर राजनीति में लगी हैं. आज के ही दिन पीएम मोदी का दौरा चुनाव को देखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है. पीएम मोदी का आज विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी की जयंती पर आयोजित पराक्रम दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे.

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मोदी कोलकाता में आयोजित 'पराक्रम दिवस' समारोह में शामिल हो रहे हैं, तो वहीं सीएम ममता बनर्जी 8 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगी. पश्चिम बंगाल चुनाव को देखते हुए नेताजी की जयंती बेहद अहम मानी जा रही है. एक तरफ टीएमसी खुद को बंगाल संस्कृति की रक्षक बता रही है, तो दूसरी तरफ बीजेपी इसे बंगाली अस्मिता से जोड़ने की कोशिश में लगी है. ममता शनिवार को पदयात्रा करने वाली है, जिसमें टीएमसी के तमाम बड़े नेता शामिल हो रहे है.

बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाएगा, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की थी. तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने कहा था कि इस दिन को केवल पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाना ही काफी नहीं है.

वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 130 साल पुरानी इस ट्रेन का नाम बदलने का ऐलान किया. इस ट्रेन का इस्तेमाल नेताजी ने 1941 में ब्रिटिश हुकूमत की कैद से फरार होने के दौरान किया था.

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारी के लिए तमाम नेताओं को मैदान में उतार दिया है. 30 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह भी नादिया जिले में मायापुर का दौरा करेंगे. इसके बाद वे उसी दिन उत्तरी 24 परगना में ठाकुरनगर जाएंगे, ये शहर बांग्लादेश के बॉर्डर से नजदीक है. 31 जनवरी को उल्बेरिया में अमित शाह का रोड शो है. इसके बाद हावड़ा में अमित शाह एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे.

ममता के अपनों ने छोड़ा साथ

इस बीच चुनाव से पहले ही ममता को कई झटके लग चुके हैं, ममता सरकार के कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. शुक्रवार को उनकी सरकार के वन मंत्री राजीब बनर्जी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जनवरी 2021 में तृणमूल कांग्रेस छोड़ने वाले वह तीसरे मंत्री रहे हैं.

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