पुलवामा आतंकी हमले के तुरंत बाद, इंडियन नेवी ने बड़े पैमाने पर अभ्यास किया और महत्वपूर्ण जगहों पर नेवी फ्लीट की तैनाती की गई. पाकिस्तान से जुड़े जल सीमा के आसपास परमाणु और अन्य पनडुब्बियों की तैनाती की गई.
भारत की ओर से नेवी की आक्रामक तैनाती के दौरान, पाकिस्तान को यह अंदेशा हो रहा था कि भारत जैश-ए-मोहम्मद (JeM) द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में शहीद हुए CRPF के 40 जवानों का बदला लेने के लिए अपने समुद्री बल का इस्तेमाल कर सकता है.
...जब अचानक गायब हो गई एडवांस्ड पाकिस्तानी सबमरीन
भारत लगातार पाकिस्तानी सेना के मूवमेंट पर नजर रखे हुए था, लेकिन बालाकोट की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की सबसे एडवांस मानी जाने वाली अगोस्टा क्लास सबमरीन्स- पीएनएस साद, उसके जल क्षेत्र से गायब हो गई थी. लंबे समय तक पानी के भीतर रहने की क्षमता वाली इस सबमरीन के गायब होने के बाद भारतीय नेवी को चिंता हुई थी.
सूत्रों ने बताया कि यह पनडुब्बी कराची के पास से गायब हुई थी और यह तीन दिनों के भीतर गुजरात के तट तक पहुंच सकती थी. इसके अलावा 5 दिन में यह पश्चिमी फ्लीट के मुख्यालय मुंबई पहुंच सकती थी, जो देश के लिए बड़े सुरक्षा खतरे की बात हो सकती थी. ऐसी स्थिति में नेवी ने पाकिस्तानी पनडुब्बी की जमकर तलाश की और यह पता लगाने की कोशिश की थी कि आखिर वह कहां है.
पाकिस्तानी समुद्री क्षेत्र से सटी सीमाओं पर मुस्तैद थी इंडियन नेवी
सूत्रों के मुताबिक, नेवी की ओर से सभी एहतियाती उपाय किए गए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भले ही पीएनएस साद ने भारतीय जल में प्रवेश किया हो, लेकिन इसे सतह पर आने के लिए बाध्य करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाए, और अगर जरूरी हो तो इसके खिलाफ सैन्य दंडात्मक कार्रवाई करें.
परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र भी पाकिस्तानी नियंत्रण वाले समुद्री क्षेत्र के पास तैनात की गई थी, इस पनडुब्बी को भी लापता पाकिस्तानी पनडुब्बी की तलाश जारी रखने के निर्देश दिए गए थे.
इंडियन नेवी की एडवांस टेक्नोलॉजी वाली स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को भी पाकिस्तानी पनडुब्बी की तलाश में लगाया गया था. पनडुब्बियों को भारतीय जल में पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह दुस्साहस करने का जवाब देने के निर्देश थे.
21 दिन की तलाश के बाद मिली थी पाकिस्तानी पनडुब्बी
जैसे-जैसे दिन गुजरते गए, इंडियन नेवी ने पाकिस्तानी पनडुब्बी की खोज के अपने क्षेत्र को बढ़ाना जारी रखा. पाकिस्तानी पनडुब्बी का पता लगाने के लिए सैटेलाइट का भी इस्तेमाल किया गया. इस बीच, नेवी को लग रहा था कि पाकिस्तानियों ने इसे कहीं और छिपा रखा होगा.
बड़े पैमाने पर की गई 21 दिनों की खोज के बाद, इंडियन नेवी ने आखिरकार पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में पीएनएस साद को ढूंढ़ निकाला. इसे वहां छिपने के लिए भेजा गया था, ताकि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद युद्ध छिड़ने की स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सके.
सूत्रों ने कहा कि इंडियन नेवी अरब सागर, विशेष रूप से पाकिस्तानी समुद्री क्षेत्र की पूरी निगरानी कर रही है. इस क्षेत्र में पाकिस्तानी नेवी की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. तनाव बढ़ने के तुरंत बाद, नेवी ने 60 से ज्यादा युद्धपोतों को तैनात किया था, जिसमें एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य शामिल था.
(इनपुटः ANI)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)