केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए पेड़ों की कटाई का बचाव किया है. जावडेकर ने कहा कि पहले भी ऐसा किया गया है, और ऐसा करने के बाद इससे ज्यादा पेड़ लगाए भी गए हैं. इससे पहले, विपक्ष ने सरकार पर पीएम की रैली के लिए पुणे के परशुराम कॉलेज परिसर में पेड़ काटने का आरोप लगाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की सोमवार, 17 अक्टूबर को महाराष्ट्र के पुणे के सर परशुराम कॉलेज के परिसर में रैली होनी है.
‘जब भी हम पेड़ काटते हैं, हम उससे ज्यादा पेड़ लगाते हैं. ये फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का रूल है. और पीएम मोदी की रैली के लिए पेड़ काटने पर इतना हल्ला क्यों है? दूसरों की रैलियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए भी तो पेड़ काटे गए हैं. मुझे आश्चर्य है कि पहले ऐसी जागरूकता क्यों नहीं थी?’प्रकाश जावडेकर, केंद्रीय मंत्री
एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण ने आरोप लगाया था कि जिस मैदान में रैली होनी है, उसके बाहर लगे कुछ पेड़ों को कॉलेज प्रशासन ने काटा है. उन्होंने कहा था, 'हमें मिली जानकारी के अनुसार, पेड़ों को तने से काटा गया है जो अस्वीकार्य है.' चव्हाण ने कहा था कि इस कठोर कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
एमएमएस नेता रूपाली पाटिल ने भी कहा था कि पेड़ काटे गए हैं. उन्होंने दावा किया कि उन लोगों ने पेड़ों को काट दिया, क्योंकि उन्हें लगता है कि पेड़ों से प्रधानमंत्री की रैली में बाधा आएगी.
वहीं, पुणे बीजेपी यूनिट की अध्यक्ष माधुरी मिसाल ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि पेड़ों की कटाई और पीएम की रैली का आपस में कोई संबंध नहीं है.
‘हाल की बारिश में दो पेड़ गिर गए थे. उस मैदान पर मंडली के पांच संस्थानों के छात्र खेलते हैं, इसलिए ये उनकी सुरक्षा का विषय हो सकता है. इसलिए हमने पुणे नगर निगम के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से कुछ पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी. अनुमति मिलने के बाद सोमवार को पेड़ों को काटा गया.’माधुरी मिसाल, अध्यक्ष, पुणे बीजेपी यूनिट
बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार पेड़ों की कटाई को लेकर विपक्षी दलों और आम जनता, दोनों के निशाने पर है. मेट्रे कारशेड के लिए आरे कॉलोनी में 2700 से ज्यादा पेड़ों की कटाई की मंजूरी को लेकर लगातार विरोध हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इन पेड़ों की कटाई पर 21 अक्टूबर तक रोक लगा दी है.
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