पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन पर देशभर के तमाम बड़े नेताओं और दिग्गजों ने दुख प्रकट किया और उनके शानदार राजनीतिक करियर को याद किया. लेकिन प्रणब मुखर्जी को सिर्फ भारत में ही याद नहीं किया गया. उन्हें कई बड़े देशों के नेताओं ने याद किया और उनकी शख्सियत को अपने-अपने शब्दों में बयां किया. फिर चाहे वो चीन हो या फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, हर किसी ने प्रणब दा को एक महान नेता बताया.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वो प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुखी हैं. उन्होंने कहा,
“भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बारे में सुनकर काफी दुखी हूं. मैं उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जो अपने महान नेता को खोने से दुखी हैं.”
चीन ने भी किया याद
भारत के साथ लगातार तनातनी में जुटे चीन ने भी प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताया और कहा कि उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर काफी काम किया. चीन के विदेश मंत्री ने अपने इस बयान में कहा गया है,
“प्रणब मुखर्जी भारत के एक पूर्व राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने अपने 50 साल के पॉलिटिकल करियर में भारत-चीन के रिश्तों के लिए अपना सकारात्मक योगदान दिया. ये चीन-भारत रिश्तों के लिए और भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है. हम उनके निधन पर शोक और अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.”
बांग्लादेश की पीएम ने बताया सच्चा दोस्त
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताया था और उन्हें अपना एक सच्चा दोस्त कहकर बुलाया था. उन्होंने कहा कि प्रणब दा बांग्लादेश के सच्चे मित्र थे. उन्हें बांग्लादेश के लोगों का काफी प्यार और सम्मान मिला. शेख हसीना ने बांग्लादेश में एक दिन के राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया था.
बाइडेन ने फोटो की शेयर
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और ट्रंप को कड़ी टक्कर दे रहे जो बाइडेन ने भी प्रणब मुखर्जी के निधन पर उन्हें याद किया. बाइडेन ने प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी एक फोटो भी शेयर की. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक सच्चे जनसेवक थे, जिन्होंने वैश्विक चुनौतियों से निपटने में हमारे दोनों राष्ट्रों के संबंधों के महत्व पर गहरा विश्वास किया. जिल (बाइडन की पत्नी) और मैं उनके निधन के बारे में सुनकर दुखी हैं. उनके प्रियजनों और भारतीय लोगों के लिए हमारी प्रार्थना.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)