वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना मामले में खुद के दोषी करार दिए जाने के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की है. न्यायपालिका पर भूषण के ट्वीट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत भूषण ने ओपन कोर्ट में सुनवाई की मांग की है. भूषण ने ये भी कहा है कि जस्टिस अरुण मिश्रा को स्वतः संज्ञान अवमानना मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया था.
14 सितंबर को भूषण ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जुर्माने की रकम 1 रुपये का ड्राफ्ट जमा कराया. रजिस्ट्री में जाने से पहले भूषण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जुर्माना भरने के लिए उन्हें कई लोगों से वित्तीय मदद मिली है और वो इन पैसों से एक 'सच्चाई कोष' बनाएंगे, जिसके जरिए ऐसे लोगों को कानूनी मदद दी जाएगी जिन्हें विरोध करने के लिए सरकार ने जेल में डाला है.
हालांकि, उन्होंने साफ किया था कि जुर्माना भरने का मतलब ये नहीं कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर कर लिया है.
इससे पहले 12 सितंबर को प्रशांत भूषण ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने की मांग की थी. उन्होंने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अवमानना वाले मामले को लेकर कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की इजाजत मिलनी चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)