उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़ा ट्वीट करने पर गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है. इस फैसले में कोर्ट ने प्रशांत को तुरंत जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. चलिए समझते हैं कि इस मामले की शुरुआत कहां से हुई और किस तरह यह मामला आगे बढ़ा.
11 जून: प्रशांत की पत्नी जगीशा की याचिका पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की वेकेशन बेंच ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने प्रशांत कनौजिया को तुरंत जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया.
10 जून: प्रशांत की रिहाई के लिए उनकी पत्नी जगीशा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ से जुड़े मामले में प्रशांत सहित दूसरे लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली में पत्रकारों ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से संसद भवन तक मार्च किया.
प्रशांत की पत्नी ने कहा- पुलिस मेरे पति को प्रताड़ित कर रही है
9 जून: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस मामले पर बयान जारी किया. गिल्ड ने अपने बयान में कहा, ''एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया पत्रकार प्रशांत कनौजिया और नोएडा से संचालित टीवी चैनल नेशन लाइव की संपादक इशिता सिंह और प्रमुख अनुज शुक्ला की गिरफ्तारी की निंदा करती है.’’ गिल्ड ने कहा, ''पुलिस की कार्रवाई कठोरतापूर्ण, मनमानी और कानूनों के अधिकारवादी दुरुपयोग के समान है.’’ इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी प्रशांत के मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई.
8 जून: उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली आकर प्रशांत के घर से उन्हें गिरफ्तार किया. प्रशांत की पत्नी जगीशा के मुताबिक, ये पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में आए थे.
7 जून: उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने में प्रशांत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. यह केस एक सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर दर्ज हुआ. इस शिकायत में सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी और उनकी छवि खराब करने के आरोप लगाए गए थे.
6 जून: प्रशांत कनौजिया ने हेमा नाम की एक महिला का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया. वीडियो को शेयर करते हुए प्रशांत ने एक कमेंट भी लिखा था. पूरा विवाद इसी पोस्ट से जुड़ा हुआ था. वीडियो में महिला (हेमा) पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी आदित्यनाथ से प्यार संबंधी दावे कर रही थी. महिला ने दावा किया कि वो पिछले एक साल से योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टच में है. महिला का कहना था कि वो पूरे प्रकरण के चलते तनाव में है और योगी आदित्यनाथ को सामने आकर उससे बातचीत करनी चाहिए.
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