पौष पूर्णिमा पर प्रयागराज कुंभ में सोमवार को बड़ा स्नान है. लगभग 55 से 75 लाख श्रद्धालु इस मौके पर गंगा में डुबकी लगा सकते हैं. पूरे देश से श्रद्धालुओं के जत्थे प्रयागराज पहुंचे हैं.
हिंदुओं में पौष पूर्णिमा के स्नान का खास महत्व है. पौष पूर्णिमा के बारे में शंकराचार्य अधोक्षानंद ने कहा, ‘‘पौष पूर्णिमा हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन देशभर से आने वाले श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगाने के लिए इकट्ठे होते हैं.''
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य कुंभ मेले को सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराना है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
प्रदेश पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल भी प्रयागराज रेलवे स्टेशन, सिविल लाइंस बस अड्डे और भीड़ वाले अन्य स्थानों पर पैनी नजर रख रहे हैं. सुरक्षा बलों की तैनाती के अलावा तकनीकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि कुंभ 2019 सुरक्षा के लिहाज से अब तक का सबसे सफल कुंभ साबित हो.आनंद कुमार, उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि पूरे मेले क्षेत्र को नौ जोन और 20 सेक्टर में बांटा गया है. इसके साथ ही 20 हजार पुलिसकर्मियों, छह हजार होमगार्ड्स, केंद्रीय बल की 80 कंपनियां और पीएसी की 20 कंपनियां तैनात की गयी है. 40 पुलिस थाने, 58 चौकियां और 40 दमकल केंद्र बनाए गए हैं. आतंक निरोधी दस्ते के कमांडों, बम निष्क्रिय करने वाली इकाई, श्वान दस्ते और खुफिया इकाई को भी तैनात किया गया है.
किन-किन सुविधाओं का इंतजाम
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि सोमवार के शाही स्नान के लिए सुरक्षा के साथ-साथ कई दूसरी सुविधाओं की भी दुरस्त किया गया है.
- यातायात और पैदल मार्ग के लिए बेहतर व्यवस्था
- अधिकारियों की ड्यूटी बढ़ा दी गई
- दमकल और मेडिकल टीम को सतर्क किया गया
- चार से पांच किलोमीटर के दायरे में 35 घाट बनाए गए
- कल्पवासियों के तुंबुओं के लिए 1,000 बीघा जमीन आवंटित की गई
- श्रद्धालुओं को जगह ढूंढने में आसानी हो, इसके लिए मेला क्षेत्र में 700 जगहों पर साइन बोर्ड लगाए गए
चार और शाही स्नान आयोजित होंगे
पौष पूर्णिमा के स्नान के बाद कुंभ में चार और प्रमुख स्नान पर्व आयोजित होंगे. इनमें मौनी अमावस्या (चार फरवरी), वसंत पंचमी (10 फरवरी), माघी पूर्णिमा (19 फरवरी) और महाशिवरात्रि (चार मार्च) शामिल हैं. संगम के तट पर 3,200 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में तंबुओं का शहर बसाया गया है. प्रयाग कुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है.
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