ADVERTISEMENTREMOVE AD

Droupadi Murmu Speech:"अलग-अलग होते हुए भी कुछ कॉमन" राष्ट्रपति की 10 बड़ी बातें

Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारत आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है.

Updated
भारत
3 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण दिया. इस साल भारत अपनी आजादी का 75वां साल मना रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव पर हर घर तिरंगा भी फहराया जा रहा है. इमारत हो या जलाशय बांध, सरकारी ऑफिस हो या कॉमर्शियल बिल्डिंग सभी तिरंगे की रोशनी से जगमगा रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

76वें स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि 14 अगस्त का दिन विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है.

15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था. उस दिन हमने अपनी नियति को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया था. उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं. उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि उन दिनों लोकतंत्र आर्थिक रूप से उन्नत राष्ट्रों तक ही सीमित था. विदेशी शासकों ने वर्षों तक भारत का शोषण किया था. इस कारण भारत के लोग गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे थे. भारत की आजादी हमारे साथ-साथ विश्व में लोकतंत्र के हर समर्थक के लिए उत्सव का विषय है. जब भारत स्वाधीन हुआ तो अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं और विचारकों ने हमारी लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली की सफलता के विषय में आशंका व्यक्त की थी. इस प्रकार आधुनिक भारत के निर्माताओं ने प्रत्येक वयस्क नागरिक को राष्ट्र-निर्माण की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया. भारत को यह श्रेय जाता है कि उसने विश्व समुदाय को लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता से परिचित कराया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बड़ी बातें

  1. भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है. इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  2. 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  3. अधिकांश लोकतान्त्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  4. आजादी का अमृत महोत्सव मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू हुआ. उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया. उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई. यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  5. आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए. जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  6. हम भारत की स्वतंत्रता के अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं. स्वाधीनता संग्राम के समय हमारे प्राचीन जीवन-मूल्यों को आधुनिक युग में फिर स्थापित किया गया: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  7. 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे. हमारे खिलाड़ी अंतरर्राष्ट्रीय खेलों में परचम लहरा रहे हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  8. अलग-अलग होते हुए भी कुछ कॉमन है, जो हमें जोड़े रखता है. एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम पहले से ही तत्पर हैं : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  9. हमारी बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस तक तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  10. 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय स्वागत-योग्य है. भारत की मिट्टी में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी और मजबूत होती जा रही हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×