ADVERTISEMENTREMOVE AD

गणतंत्र दिवस की धूम-धाम भले ही कम लेकिन भावना हमेशा की तरह मजबूत: राष्ट्रपति

73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर President Ram Nath Kovind ने राष्ट्र को संबोधित किया

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind ने मंगलवार, 25 जनवरी को राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा किहमारे विविधतापूर्ण और सफल लोकतंत्र की सराहना पूरी दुनिया में की जाती है. हर साल गणतंत्र दिवस के दिन हम अपने गतिशील लोकतन्त्र तथा राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव मनाते हैं. महामारी के कारण इस वर्ष के उत्सव में धूम-धाम भले ही कुछ कम हो परंतु हमारी भावना हमेशा की तरह सशक्त है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राष्ट्रपति ने देशवासियों से कहा कि गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया.

"दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है"

कोरोना महामारी पर देश को चेताया 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को कोरोना महामारी के खिलाफ बचाव में तनिक भी ढील नहीं देने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि "अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं. हमारी सामूहिक पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है. महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, अतः हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए.

0

दिवंगत विपिन रावत को किया याद 

राष्ट्रपति ने देश के नाम संबोधन में कहा कि जब कभी किसी वीर सैनिक का निधन होता है तो सारा देश शोक-संतप्त हो जाता है.

"पिछले महीने एक दुर्घटना में देश के सबसे बहादुर कमांडरों में से एक - जनरल बिपिन रावत - उनकी धर्मपत्नी तथा अनेक वीर योद्धाओं को हमने खो दिया। इस हादसे से सभी देशवासियों को गहरा दुख पहुंचा."
राष्ट्रपति कोविंद

सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने की बात करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि "हमारी बेटियों ने परंपरागत सीमाओं को पार किया है, और अब नए क्षेत्रों में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की सुविधा आरंभ हो गई है. साथ ही, सैनिक स्कूलों तथा सुप्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस एकेडमी से महिलाओं के आने का मार्ग प्रशस्त होने से सेनाओं की टैलेंट-पाइपलाइन तो समृद्ध होगी ही, हमारे सशस्त्र बलों को बेहतर जेन्डर बैलेंस का लाभ भी मिलेगा."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×